DESK : पिछले दिनों जब निजामुद्दीन मरकज का आयोजन चल रहा था उसी दौरान देश में लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई थी. बाद में इस मरकज में आये सदस्यों को पुलिस ने निकाला था. जब इनकी जांच की गई तो इन में से कई लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी. इस मरकज में कई लोग विदेशों से आये थे उन्ही के संपर्क में आने से सैकडों सदस्य कोरोना वायरस के संक्रमण का शिकार हो गए थे. इन तबलीगी जमात के लोगों पर कोरोना फैलाने का आरोप भी लगा. अब इन में से कई लोग ठीक हो गए है. ठीक होने वाले लोगों ने मदद का हाथ आगे बढ़ाते हुए प्लाज्मा डोनेट करने की इच्छा जताई है.
जमात में शामिल होने वाले 129 लोग ठीक हुए
AIIMS झज्जर में भर्ती तबलीगी जमात के 129 कोरोना पॉजिटिव मरीज ठीक हो गए हैं और ये सब प्लाज्मा डोनेट करने की इच्छा जताई हैं. झज्जर हॉस्पिटल में कोरोना वार्ड की चेयरपर्सन डॉक्टर सुषमा झटनागर ने कहा, 'हमने ठीक हुए कुछ मरीजों से उनका ब्लड डोनेट करने की अपील की थी और वे मान गए हैं. अब हम इस तैयारी में जुटे हैं कि आखिर कैसे इनसे सैंपल लिए जाएं जिससे कि प्लाज्मा थेरेपी में ये काम आ सके.'
प्लाज्मा थेरेपी की हो रही तैयारी
डॉक्टर सुषमा ने बताया कि उस हॉस्पिटल में ज्यादातर जमात में शामिल होने वाले लोग दिल्ली से बाहर के हैं, जिसमें कुछ विदेशी भी शामिल हैं. लॉकडाउन की वजह से ये सभी अपने घर नहीं जा सकते हैं ऐसे में इन्हें अब कहीं और शिफ्ट किया जाएगा. इसके बाद इन्हें जरुरत के हिसाब से प्लाज्मा डोनेट करने के लिए बुलाया जाएगा.
बता दें कि दिल्ली सरकार ने कुछ दिनों पहले LNJP अस्पताल में कई गंभीर मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी ट्राई की है. इसका फायदा भी मिल रहा है . मरीज जल्दी ठीक भी हो रहे हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना को मात देने वाले सभी लोगों से अपील की है कि वे दूसरे लोगों की जान बचाने के लिए आगे आएं.
प्लाज्मा थेरेपी क्या है?
प्लाज्मा थेरेपी में उस इंसान के खून से प्लाज्मा लिया जाता है, जिसे संक्रमण से ठीक हुए 14 दिनों से ज्यादा समय हो गया हो. इस प्लाज्मा को संक्रमित व्यक्ति को दिया जाता है ताकि ठीक हुए इंसान के शरीर में बनने वाली एंटीबॉडीज की सहायता से संक्रमित व्यक्ति के शरीर में भी एंटीबॉडीज बनने लगे जिससे कोरोना संक्रमित व्यक्ति जल्दी ठीक हो जाये.