PATNA : नागरिकता बिल के विरोध में पार्टी के खिलाफ उतरे जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और महासचिव पवन वर्मा को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नाराय़ण सिंह ने नसीहत दी है। उन्होनें कहा कि पार्टी लाइन से हटकर सार्वजनिक बयान देना ठीक नहीं है। गंभीर मुद्दों पर पार्टी फोरम के अंदर चर्चा होनी चाहिए।
वशिष्ठ नाराय़ण सिंह ने कहा कि अगर पार्टी के किसी फैसले पर किसी को भी आपत्ति हो तो पार्टी फोरम में अपना विरोध दर्ज करवाना चाहिए। सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी स्वस्थ् परंपरा नहीं है। इसका सभी नेताओं को कड़ाई से पालन करना चाहिए।
पार्टी के उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पार्टी के इस फैसले को निराशाजनक बताया है।प्रशांत किशोर ने ट्वीट के जरिए अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने लिखा, "नागरिकता संशोधन विधेयक पर जद (यू) के समर्थन से निराशा हुई है। यह विधेयक धर्म के आधार पर नागरिकता प्रदान करने वाला है, जो भेदभावपूर्ण है।"प्रशांत किशोर यहीं नहीं रुके. उन्होंने पार्टी पर भी निशाना साधते हुए आगे लिखा, "जद (यू) के द्वारा नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन पार्टी के संविधान से भी अलग है, जिसमें पहले ही पन्ने पर धर्मनिरपेक्षता शब्द तीन बार लिखा हुआ है।" वहीं पार्टी महासचिव पवन वर्मा ने भी सार्वजनिक तौर पर पार्टी से बिल के समर्थन पर पुनर्विचार की मांग की है।
वहीं पार्टी का बड़ा मुस्लिम चेहरा और विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी ने भी 'लेटर बम' फोड़ा है।बलियावी ने नागरिक संशोधन बिल पर पार्टी के स्टैंड पर विरोध करते हुए कहा कि नीतीश कुमार और जेडीयू ने जो निर्णय लिया है उसे गंभीरता से पुनर्विचार करने की आग्रह करता हूं। उन्होंने कहा कि पूरे देश और विशेषकर बिहार झारखंड बंगाल एवं असम से आम लोगों को बराबर दबाव आ रहा है कि आपके नेता की पहचान सही को सही और गलत को गलत करने की रही है।