पटना के गांधी मैदान में मनाया जाएगा गणतंत्र दिवस, नीतीश - तेजस्वी पर होगी सबकी नजर

पटना के गांधी मैदान में मनाया जाएगा गणतंत्र दिवस, नीतीश - तेजस्वी पर होगी सबकी नजर

PATNA : शुक्रवारी यानी आज 75 वें गणतंत्र दिवस पर पटना के गांधी मैदान में मुख्य राजकीय समारोह होगा। इसमें राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर सुबह 9:00 बजे झंडोतोलन करेंगे। इस समारोह में बिहार के सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी नजर आएंगे। और इस कार्यक्रम के दौरान सबसे अधिक नजर इन्हीं दोनों पर लगी रहेगी।


दरअसल, बिहार में लगातार सियासी हलचल मचा हुआ है। फर्स्ट बिहार को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के अनुसार बिहार में बड़े सियासी उलटफेर की पुष्टि की गई है। ऐसे में आज जब राजकीय समारोह आयोजित किया जाएगा तब यह देखने वाली बात होगी कि क्या नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव आपस में पहले की तरह ही घनिष्ठ रूप से बातचीत करते नजर आते हैं या इन दोनों के बीच जो पिछले कुछ दिनों से दूरी देखने को मिल रहा है वह बरकरार रहती है ? बिहार में नीतीश कुमार और लालू यादव को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि कभी भी दोनों की सियासी दोस्ती टूट सकती है। इस बात की जोरों से चर्चा हो रही है कि कभी भी एनडीए में भाजपा की वापसी का ऐलान हो सकता है। अब इस बात की दबे जुबान से ही सही लेकिन भाजपा के एक बड़े नेता ने फर्स्ट बिहार से बात करते हुए की है।


वहीं, बिहार में तेजी से घट रहे सियासी घटनाक्रमों के बीच भाजपा नेतृत्व ने राज्य के प्रमुख नेताओं को दिल्ली बुलाकर उनके साथ विचार-विमर्श किया। गुरुवार देर रात केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी एवं राज्य के अन्य नेताओं के साथ मौजूदा घटनाक्रमों और भावी परिस्थितियों को लेकर चर्चा की। बैठक में बिहार भाजपा के प्रभारी महासचिव विनोद तावड़े और क्षेत्रीय संगठन मंत्री नागेंद्र नाथ त्रिपाठी भी मौजूद रहे।


ऐसे में अब जब आज राजकीय समारोह के बहाने हैं नीतीश तेजस्वी एक मंच पर नजर आएंगे तो देखने वाली बात होगी कि क्या नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच बातचीत होती है या फिर जिस तरह से बीते कल कैबिनेट की बैठक के बाद नीतीश कुमार सीधा मुख्यमंत्री आवास निकल गए थे वैसे ही आज राजकीय समारोह के खत्म होने के बाद  तेजस्वी यादव से बातचीत किए बिना सीधा मुख्यमंत्री आवास लौट जाते हैं। 


क्योंकि, जिस तरह से जिस तरह की खबरें निकलकर सामने आ रही है उसके मुताबिक नीतीश कुमार अब शायद ही तेजस्वी यादव को पहले की तरह महत्व देते हुए नजर आएंगे। हालांकि, राजनीतिक जानकारों का यह भी कहना है कि नीतीश कुमार कभी भी अपने विरोधियों को यह आभास नहीं होने देना चाहते हैं कि वह उनसे दूर होने हैं बल्कि वह अचानक से बड़ा फैसला लेते हैं, ताकि उनके विरोधी को भी उनके खिलाफ कोई बड़ी रणनीति तय करने का समय नहीं मिल पाए। ऐसे में जब आज नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव एक मंच पर होंगे तो ऐसा हो सकता है कि नीतीश कुमार पहले की तरह ही तेजस्वी यादव से बातचीत करते नजर आए।  लेकिन इतना तय है कि नीतीश कुमार अब तेजस्वी यादव के साथ अधिक दिनों तक नहीं रहने वाले हैं। यह बातचीत महज के औपचारिक बातचीत होगी।