एक बोरी सिक्का लेकर बेटी को स्कूटी दिलाने पहुंचा पिता, हैरान शोरूम के कर्मचारी ने किया स्वागत Bihar News: बिहार में चेकिंग के दौरान CRPF जवानों और दारोगा के परिवार के बीच मारपीट, बीच सड़क पर खूब चले लात-घूंसे; वीडियो वायरल Bihar Election 2025: ‘सरकार बनी तो 20 महीने में चीनी मिल चालू करेंगे’, दरभंगा में तेजस्वी यादव की बड़ी घोषणा Bihar Election 2025: ‘सरकार बनी तो 20 महीने में चीनी मिल चालू करेंगे’, दरभंगा में तेजस्वी यादव की बड़ी घोषणा मंत्री अशोक चौधरी और JDU महासचिव रंजीत झा का जहानाबाद में जनसंपर्क, कहा- CM नीतीश के नेतृत्व में विकसित बिहार का सपना हो रहा साकार Bihar Election 2025: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की दहाड़, नाम लिए बिना पाकिस्तान को कुत्ते की पूंछ बताया Bihar Election 2025: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की दहाड़, नाम लिए बिना पाकिस्तान को कुत्ते की पूंछ बताया देश मे अमन शांति बनाए रखने के लिए महागठबंधन की सरकार जरूरी: मुकेश सहनी देश मे अमन शांति बनाए रखने के लिए महागठबंधन की सरकार जरूरी: मुकेश सहनी Bihar Election 2025: बिहार में चुनाव प्रचार करेगी अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी, 20 स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की
1st Bihar Published by: RITESH HUNNY Updated Sun, 24 Jul 2022 12:06:20 PM IST
- फ़ोटो
SAHARSA : न भवन है न बेंच है. बच्चे खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं. यही है हमारे शिक्षण संस्थानों की तस्वीर, जो सरकार के सुशासन के दावों की पोल खोल रही है. सहरसा जिले में एक ऐसी स्कूल है, जहां बच्चों को खुले आसमान के निचे बांसबाड़ी में पढ़ाया जाता है. बच्चे को स्कूल में पढ़ने के लिए कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बारिश के मौसम में बच्चें भींगकर पढ़ने को मजबूर हैं. हैरानी की बात है कि स्कूल के पास भवन निर्माण के लिए पर्याप्त जमीन है. मामला सामने आने के बाद सरकार द्वारा विधालयों के इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर किए जा रहे दावों पर सवाल उठ रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक, सौरबाजार प्रखंड अन्तर्गत कांप पंचायत में संचालित एनपीएस विजयनगर पश्चिम स्कूल में डेढ़ सौ से अधिक बच्चे बढ़ते हैं. लेकिन इसका भवन निर्माण आज तक नहीं हो सका है. स्कूल के भवन का निर्माण नहीं होने की वजह से बच्चे बांसबाड़ी में पढ़ने को मजबूर हैं. स्कूल में बच्चों के लिए शौचालय की भी व्यवस्था नहीं की गई है.
प्रधानाध्यापक मनोज कुमार राय ने बताया कि स्कूल के पास को पर्याप्त जमीन है. बावजूद इसके आज तक भवन का निर्माण नहीं हो पाया है. स्कूल के द्वारा कई बार सरकार को भवन निर्माण के लिए पत्र लिखे गये, लेकिन भवन बनाने की स्वीकृति नहीं मिल पाई है. ऐसे में बच्चें को तपती धूप एवं बरसात में काफी कठनाइयों का सामना करना पड़ता है.
प्रधानाध्यापक ने बताया कि एक बार पास के मध्य विद्यालय में स्कूल को समायोजित किया गया था. लेकिन, ग्रामीणों ने इस फैसले का जमकर विरोध किया. हंगामा के बाद पुनः स्कूल को बांसबाड़ी में स्थापित कर दिया गया. यदि ऐसे ही खुले बच्चे को पढ़ाया जाएगा तो अप्रिय घटना होने की भी सम्भावना है. वहीं, इस मामले पर जिला शिक्षा पदाधिकारी हब्बीबुल्ला ने बताया कि मामले की जांच करवाई जायेगी.