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नीतीश सरकार के दावों की खुल गई पोल, आज भी खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं सैकड़ों बच्चे

1st Bihar Published by: RITESH HUNNY Updated Sun, 24 Jul 2022 12:06:00 PM IST

नीतीश सरकार के दावों की खुल गई पोल, आज भी खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं सैकड़ों बच्चे

SAHARSA :  न भवन है न बेंच है. बच्चे खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं. यही है हमारे शिक्षण संस्थानों की तस्वीर, जो सरकार के सुशासन के दावों की पोल खोल रही है. सहरसा जिले में एक ऐसी स्कूल है, जहां बच्चों को खुले आसमान के निचे बांसबाड़ी में पढ़ाया जाता है. बच्चे को स्कूल में पढ़ने के लिए कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बारिश के मौसम में बच्चें भींगकर पढ़ने को मजबूर हैं. हैरानी की बात है कि स्कूल के पास भवन निर्माण के लिए पर्याप्त जमीन है. मामला सामने आने के बाद सरकार द्वारा विधालयों के इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर किए जा रहे दावों पर सवाल उठ रहे हैं. 


जानकारी के मुताबिक, सौरबाजार प्रखंड अन्तर्गत कांप पंचायत में संचालित एनपीएस विजयनगर पश्चिम स्कूल में डेढ़ सौ से अधिक बच्चे बढ़ते हैं. लेकिन इसका भवन निर्माण आज तक नहीं हो सका है. स्कूल के भवन का निर्माण नहीं होने की वजह से बच्चे बांसबाड़ी में पढ़ने को मजबूर हैं. स्कूल में बच्चों के लिए शौचालय की भी व्यवस्था नहीं की गई है. 


प्रधानाध्यापक मनोज कुमार राय ने बताया कि स्कूल के पास को पर्याप्त जमीन है. बावजूद इसके आज तक भवन का निर्माण नहीं हो पाया है. स्कूल के द्वारा कई बार सरकार को भवन निर्माण के लिए पत्र लिखे गये, लेकिन भवन बनाने की स्वीकृति नहीं मिल पाई है. ऐसे में बच्चें को तपती धूप एवं बरसात में काफी कठनाइयों का सामना करना पड़ता है. 


प्रधानाध्यापक ने बताया कि एक बार पास के मध्य विद्यालय में स्कूल को समायोजित किया गया था. लेकिन, ग्रामीणों ने इस फैसले का जमकर विरोध किया. हंगामा के बाद पुनः स्कूल को बांसबाड़ी में स्थापित कर दिया गया. यदि ऐसे ही खुले बच्चे को पढ़ाया जाएगा तो अप्रिय घटना होने की भी सम्भावना है. वहीं, इस मामले पर जिला शिक्षा पदाधिकारी हब्बीबुल्ला ने बताया कि मामले की जांच करवाई जायेगी.