नीतीश ने 2015 में RJD के जिन दागियों को मंत्री नहीं बनाने का वीटो लगाया था वे सब अब मंत्री बन गये: प्रशांत किशोर ने खोल दी पोल

नीतीश ने 2015 में RJD के जिन दागियों को मंत्री नहीं बनाने का वीटो लगाया था वे सब अब मंत्री बन गये: प्रशांत किशोर ने खोल दी पोल

PATNA: BJP से नाता तोड़ कर राजद के साथ जाने की बेचैनी में नीतीश कुमार ने कौन-कौन से समझौते किये हैं इसकी कहानियां सामने आने लगी हैं. 2015 में नीतीश कुमार औऱ राजद की सरकार की सारी रूपरेखा तय करने वाले प्रशांत किशोर ने बडी पोल खोली है. प्रशांत किशोर ने कहा है-2015 में जब जेडीयू, राजद औऱ कांग्रेस की साझा सरकार बनी थी तो नीतीश ने राजद के कई दागियों को मंत्री नहीं बनाने का वीटो लगा दिया था. 2022 में वही सारे दागी चेहरे मंत्री बन गये हैं. 


बता दें कि 2015 में जेडीयू, राजद औऱ कांग्रेस की साझा सरकार बनाने में प्रशांत किशोर ने बेहद अहम रोल निभाया था. प्रशांत किशोर तब नीतीश कुमार के साथ उनके घर में रहते थे. ये जगजाहिर है कि तब प्रशांत किशोर ही नीतीश कुमार के दूत बनकर लालू यादव से बात करते थे. 2015 में जेडीयू और राजद में सत्ता के बंटवारे का फार्मूला प्रशांत किशोर ने ही तय कराया था.


नीतीश के यू-टर्न की कहानी

प्रशांत किशोर अब चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बन गये हैं. वे बिहार के दौरे पर हैं. शुक्रवार को दरभंगा पहुंचे प्रशांत किशोर से पत्रकारों ने नीतीश सरकार के दागी मंत्रियों को लेकर सवाल पूछा. प्रशांत किशोर ने कहा- ऐसे कई नेता थे जिन्हें 2015 में राजद की ओर से मंत्री बनाने की कोशिश की गयी थी. लेकिन उनका आपराधिक रिकार्ड होने के कारण नीतीश कुमार ने उन्हें मंत्री बनाने से इंकार कर दिया था. लेकिन अब मैं देख रहा हूं कि वे मंत्री बन गये हैं. प्रशांत किशोर ने कहा कि वे मौजूदा सरकार में ऐसे तीन मंत्रियों को जानते हैं जिन्हें दागी होने के कारण 2015 में मंत्री बनाने से रोक दिया गया था. हालांकि प्रशांत किशोर ने उन दागी मंत्रियों का नाम सार्वजनिक करने से इंकार कर दिया.


पलटीमार

प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार के बार-बार स्टैंड बदलने के कारण ही उन्हें उनका साथ छोड़ना पड़ा. प्रशांत किशोर बोले-जब नरेंद्र मोदी सरकार ने संसद में CAA लाया था तो जेडीयू की बैठक में ये तय हुआ था कि पार्टी संसद में इसका विरोध करेगी. लेकिन पार्टी के सांसदों ने इस बिल के पक्ष में वोट दे दिया. मैं उस  वक्त जेडीयू का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष था. मैंने जब नीतीश कुमार से बात की तो उन्होंने कहा कि वे दौरे पर थे इसलिए उन्हें पता ही नहीं चला कि जेडीयू सांसदों ने CAA के पक्ष में वोट दिया है. ऐसी स्थिति में उन्होंने जेडीयू और नीतीश का साथ छोड़ने का फैसला लिया.

सरकार का चलना मुश्किल

प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में बनी नयी सरकार को उनकी शुभकामनायें हैं लेकिन ये 7 पार्टियों का गठबंधन है. ये हमेशा वैसा ही नहीं रहेगा जैसा आज दिख रहा है. प्रशांत किशोर ने कहा कि  पिछले 10 सालों में नीतीश कुमार ने बिहार में सरकार बनाने को लेकर छठी बार स्टैंड बदला है. क्या लोगों को लगता है कि इससे बिहार का विकास हुआ है.