PATNA : बिहार में एक बार फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए ने सरकार बना ली है लेकिन इस नई कैबिनेट में किसी भी अल्पसंख्यक चेहरे को शामिल नहीं किया गया है. अब नीतीश मंत्रिमंडल में मुस्लिम चेहरे को शामिल करने की मांग की जा रही है. राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आरक्षण मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष परवेज सिद्दकी ने बिहार के मुख्यमंत्री से यह आग्रह किया है.
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आरक्षण मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष परवेज सिद्दकी ने नीतीश कुमार को बधाई देते हुए कहा कि हम एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनने पर नीतीश कुमार को शुभकामना देते हैं. नीतीश कुमार सबको साथ लेकर चलने वाले मुख्यमंत्री हैं, वो इस बार भी न्याय के साथ विकास की एक लकीर खिचेंगे. इस बार के नीतीश कुमार की अगुवाई वाली सरकार में सर्वांगीण विकास होगा.
उन्होंने कहा कि हम इस बात का जिक्र कराना चाहेंगे कि नीतीश कुमार की छवि और मोर्चे के समर्थन की वजह से एनडीए को 25 फीसदी मुसलमानों ने वोट दिया है. मुसलमानों ने भी चुनावों में एनडीए को जीताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है. राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आरक्षण मोर्चा ने मुसलमानों से एनडीए को वोट करने की अपील भी की थी और इसका व्यापक असर भी हुआ. मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष परवेज सिद्दकी ने यह भी बताया कि उन्होंने और जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने साथ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोर्चा ने समर्थन दिया था और एनडीए के पक्ष में वोट मांगा था.
उन्होंने आगे कहा कि मंत्रिमंडल के गठन में एक भी मुस्लिम चेहरे को शामिल नहीं किए जाने को लेकर मुसलमानों में मायूसी है. हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से गुजारिश करते हैं कि मंत्रिमंडल में मुस्लिम चेहरे को जगह दी जाए. हमें यकीन है कि सबको साथ लेकर चलने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमारे गुजारिश को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल में मुस्लिम चेहरे को जरुर जगह देंगे.
परवेज सिद्दकी ने आगे कहा कि मुसलमान गांधी के रास्ते पर चलते हैं. इस कौम को कुछ लोग बदनाम करते रहते हैं. मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नौशाद अहमद ने कहा कि इस मोर्चा से 50 लाख मुसलमान जुड़े हुए हैं. वहीं अमन तिवारी अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आरक्षण मोर्चा में शामिल हुए. मोर्चा ने अमन तिवारी को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आरक्षण मोर्चा के युवा अध्यक्ष बनाया है. इस मौके पर अमन तिवारी ने मोर्चा को धन्यवाद दिया. अमन तिवारी ने कहा कि अल्पसंख्यकों को लेकर एक रटी रटाई धरना से बाहर निकलने का वक्त है. अल्पसंख्यक हमेशा से देश के साथ हर बुरे दौर में खड़े रहे हैं. इतिहास इसका गवाह है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आरक्षण मोर्चा बिहार में एक नई उर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि आज अल्पसंख्यक समुदाय एकजुट हो चुका है. राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मोर्चा सह मुस्लिम आरक्षण मोर्चा बीते तीन साल से आरक्षण के साथ साथ मस्जिदों के ईमाम मोअज्जिन की तनख्वाह बिहार बोर्ड से दिलवाने से लेकर आंदोलन करती आ रही है. अमन तिवारी ने यह भी कहा कि मुसलमानों ने लालू यादव से सहानुभूति दिखाई लेकिन निभाई नहीं. भागलपुर दंगे के बाद बिहार की राजनीति बदल गई, जिस कांग्रेस ने सवर्ण, दलित और मुसलमान को साधा हुआ था वह खेल से बाहर निकल गई. मुसलमानों ने उसे कभी माफ नहीं किया.