PATNA: पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने अपने पुराने मित्र नीतीश कुमार को बडी सलाह दी है. सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार लाल किला का बैनर लगा कर उसके सामने क्यों खड़ा हो रहे हैं. उन्हें अमेरिका के व्हाइट हाउस का बैनर लगा कर उसके सामने खड़ा हो जाना चाहिये. उनके समर्थकों को यकीन हो जायेगा कि नीतीश कुमार अमेरिका के राष्ट्रपति बन गये. सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश को अगर सपना देख कर ही संतोष करना है तो बड़ा सपना देखें।
पटना में मीडिया से बात करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार की विचित्र स्थिति है. वे एक ओर कहेंगे कि मेरी कोई इच्छा प्रधानमंत्री बनने की नहीं है. दूसरी ओऱ अपने समर्थकों से होर्डिंग-बैनर लगवाते हैं, नारे लगवाते हैं कि देश का पीएम कैसा हो-नीतीश कुमार जैसा हो. सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार के मन में तो है ही कि पांच मिनट के लिए प्रधानमंत्री बन जायें. ताकि इतिहास के पन्नों में मेरा नाम दर्ज हो जाये. लेकिन इसकी कहीं कोई गुंजाइश है क्या. जिस व्यक्ति के पास एक राज्य में सिर्फ 44 एमएलए हों, जो कभी बीजेपी के कंधे पर चढ कर तो कभी राजद के कंधे पर चढ़ कर मुख्यमंत्री बन जाये. वह प्रधानमंत्री बनने का सपना देखे तो इससे हास्पास्पद बात क्या होगी।
नीतीश को दिल्ली में पूछता कौन है?
सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार को दिल्ली में पूछ कौन रहा है. सोमवार को तमिलनाडु में द्रमुक ने सोशल जस्टिस पर सम्मेलन कराया. उसमें राजद के तेजस्वी यादव का भाषण हुआ लेकिन जेडीयू के किसी नेता का भाषण नहीं हुआ. नीतीश कुमार को पूछ कौन रहा है. पहले कह रहे थे कि राहुल गांधी की यात्रा के बाद विपक्षी एकता की बात करेंगे. लेकिन राहुल गांधी की यात्रा समाप्त हुए एक महीने से ज्यादा हो गया. आज तक इंतजार ही कर रहे हैं, कोई संदेशा नहीं आया और ना आने वाला है।
सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार को कोई प्रधानमंत्री पद की दावेदारी का संदेशा नहीं आने वाला है. लेकिन फिर भी रह-रह कर उनके मन में लड्डू फूटने लगता है कि प्रधानमंत्री बन जायें. अब हालत ये है कि बीजेपी का दरवाजा भी हमेशा के लिए बंद हो गया. वे जो पहले डराते थे राजद के लोगों को कि मैं बीजेपी की तरफ चला जाऊंगा. वो भी दरवाजा बंद हो गया. अब बीजेपी ने कह दिया कि जीना वहां मरना वहां. लालू की गोद में ही रहिये, बीजेपी का दरवाजा आपके लिए हमेशा हमेशा के लिए बंद हो गया है।
सुशील मोदी ने कहा कि बिहारशरीफ और सासाराम में हुआ दंगा पूरी तरह से सरकारी विफलता है. ये नीतीश कुमार की अक्षमता है कि वे दंगों को रोक नहीं पाये. सरकार अगर चाहती तो दंगा दो घंटे में कंट्रोल हो जाता. कहां यूपी में कुछ हुआ, एमपी में कुछ हुआ. महाराष्ट्र में एक जगह कुछ हुआ तो सरकार एक्शन में आयी और तुरंत मामला शांत हो गया. लेकिन बिहार में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव चाहते हैं कि इस तरह की चीजें हो. वे सोंच रहे हैं कि हिन्दू समाज को जाति में बांट लेंगे, मुसलमान मेरे साथ आ जायेंगे. लेकिन उनका ख्वाब पूरा होने वाला नहीं है. नीतीश कुमार अपना होर्डिंग लगा कर ही संतोष कर लें।