1st Bihar Published by: Updated Tue, 23 Aug 2022 09:40:18 AM IST
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PATNA : नीतीश कुमार ने एक झटके में भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से बेदखल कर दिया. बीजेपी बिहार में मोदी सरकार की ब्रांडिंग के ब्लूप्रिंट पर काम कर रही थी और अब उसे बिहार के महागठबंधन सरकार से मुकाबला करना पड़ रहा है. बीजेपी नेताओं का हाल यह है कि वह सत्ता जाने के सदमे से नहीं उबर पा रहे, लेकिन अब बीजेपी को बिहार में डबल चैलेंज का सामना करना है. नीतीश और तेजस्वी दोनों साथ साथ हैं. लिहाजा बीजेपी को अब अपनी तरफ से ऐसे चेहरे को खड़ा करना है, जो इन दोनों का मुकाबला कर पाए. मौजूदा दौर में बीजेपी के अंदर नीतीश और तेजस्वी के मुकाबले खड़ा होने वाले नए चेहरे की कमी है. इन दोनों के खिलाफ पुराना मोर्चा खोलने का अनुभव सुशील कुमार मोदी के पास रहा है और वह राज्यसभा में होने के बावजूद बिहार में लगातार सरकार पर हमलावर बने हुए हैं.
24 अगस्त को बिहार विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है. इसी सत्र में स्पीकर का चुनाव होना है और साथ ही साथ सरकार को विश्वास मत भी हासिल करना है. बीजेपी के सामने विधानसभा के विशेष सत्र में सबसे बड़ी चुनौती नेता प्रतिपक्ष के चेहरे पर मुहर लगाने की है. बीजेपी तय करेगी कि नीतीश और तेजस्वी के सामने सदन में विरोधी दल का नेता कौन होगा. भारतीय जनता पार्टी आज यह तय करेगी कि विधानसभा में दल का नेता कौन होगा और विधान परिषद में विपक्ष की कमान किसके हाथ में होगी.
बिहार में बीजेपी की तरफ से कौन सा चेहरा नीतीश और तेजस्वी का मुकाबला करेगा, इस पर फैसला केंद्रीय नेतृत्व को ही करना है. इस रेस में कई नेता शामिल है, लेकिन अंतिम मुहर राष्ट्रीय नेतृत्व को ही लगानी है. प्रदेश बीजेपी कार्यालय में आज शाम 5:30 बजे से बीजेपी विधानमंडल दल की बैठक बुलाई गई है. विरोधी दल के नेता पर फैसला भले ही आज शाम हो लेकिन में नीतीश और तेजस्वी के मुकाबले बीजेपी जिस चेहरे को खड़ा करेगी. उसके चैन में जातीय और सामाजिक समीकरण का ख्याल रखा जाएगा. बीजेपी की नजर साल 2024 के ऊपर भी होगी क्योंकि विधानसभा के अंदर सरकार को जो मजबूत तरीके से करेगा वही बीजेपी को बिहार में ज्यादा सशक्त बना पाएगा. जनता के सवालों के साथ सरकार को घेरना सरकार की कमियों को उजागर करना और साथ ही साथ नीतीश और तेजस्वी को उन्हीं के अंदाज में जवाब देने वाला चेहरा कौन सा होगा इसका इंतजार सबको है.