PATNA : बिहार में पिछले कैबिनेट बैठक में नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली पर मुहर लग गयी है। इसके बाद अब यह कहा गया है कि अब राज्य में कोई भी नियोजित टीचर नहीं होंगे बल्कि सभी राज्यकर्मी होंगे और इन्हें बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा पास कर आना होगा। वहीं, इस नई नियमावली में टीचर भर्ती को लेकर नियमों में बुए बदलाव का अब विरोध शुरू हो गया है। इस बीच अब इसके विरोध में शिक्षक संगठनों में आज ब्लैक डे मानने का निर्णय लिया है।
दरअसल, शिक्षक संगठनों द्वारा इस नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली को लेकर कहना है कि, यह शिक्षक और शिक्षक अभ्यर्थी दोनों के लिए छलावा बताया है। हागठबंधन की सरकार ने विधानसभा चुनाव के वक्त वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद वह नियोजित शिक्षकों को नियमित शिक्षकों की तरह वेतनमान और सेवा शर्त देगी और आज जब वह सत्ता में आयी है, तो अपने वादे से मुकर रही है।
वहीं, शिक्षक संघ ने कहा कि सरकार की इस नीति के विरोध में बिहार के लाखों शिक्षक बुधवार को ब्लैक डे मनाएंगे। इस दौरान जिला मुख्यालय पर प्रतिरोध मार्च निकाल नियमावली की प्रति को जलाकर अपना विरोध प्रकट करेंगे। अगर फिर भी सरकार नहीं मानी, तो बिहार के लाखों शिक्षक सड़कों पर उतरेंगे। आगे की रणनीति के लिए 16 अप्रैल को पटना में सभी शिक्षक संगठनों की बैठक बुलायी गयी है।
आपको बताते चलें कि, इस नयी नियमावली आने के बाद टीचरों का कहना है कि पूर्व से नियुक्त सभी नियोजित शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों को राज्यकर्मी घोषित किया जाना चाहिए एवं राज्य कर्मी घोषित करने के लिए इनसे किसी भी तरह की कोई परीक्षा नहीं ली जानी चाहिए। शिक्षक अभ्यर्थी सातवें चरण की बहाली की मांग चार सालों से कर रहे थे, नियमावली के नाम पर शिक्षकों को सरकार ने ठगा है. नयी नियमावली के अनुसार शिक्षक अभ्यर्थियों को शिक्षा विभाग द्वारा चयनित आयोग के माध्यम से फिर से परीक्षा देनी होगी।