नागरिकता संशोधन बिल पर JDU में दो फाड़, प्रशांत किशोर के बयान से पार्टी ने किया किनारा, कहा- 'ये उनकी निजी राय है'

नागरिकता संशोधन बिल पर JDU में दो फाड़, प्रशांत किशोर के बयान से पार्टी ने किया किनारा, कहा- 'ये उनकी निजी राय है'

PATNA: नागरिकता संशोधन बिल पर JDU में ही दो फाड़ हो गया है. जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने इस बिल का विरोध करते हुए नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. जिसके बाद अब पार्टी के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने प्रशांत किशोर के बयान से किनारा कर लिया है.


राजीव रंजन प्रसाद ने कहा है कि यह उनकी निजी राय हो सकती है, पार्टी उनके बयान का समर्थन नहीं करती है. यह फैसला सबकी सहमित से लिया गया है. राजीव रंजन ने इस निर्णय को अटूट बताया है. वहीं आरजेडी के प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने प्रशांत किशोर के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि प्रशांत किशोर ने जो सुझाव जेडीयू को दिया है, वह बिल्कुल सही है. उन्होंने कहा कि हम प्रशांत किशोर के बयान का समर्थन करते हैं क्योंकि हमारी पार्टी नागरिकता संशोधन बिल का विरोध करती है. उन्होंने कहा कि जेडीयू को प्रशांत किशोर के बयान पर विचार विमर्श करने की जरूरत है.


आपको बता दें कि लोकसभा में केंद्र सरकार की तरफ से पेश किए गए सिटिजन अमेंडमेंट बिल का जेडीयू की तरफ से समर्थन किए जाने के बाद प्रशांत किशोर ने मोर्चा खोल दिया है. पीके ने कहा है कि सिटिजन अमेंडमेंट बिल का जेडीयू ने समर्थन किया है जो बेहद निराशाजनक है. प्रशांत किशोर ने कहा है कि सिटिजन अमेंडमेंट बिल धर्म के आधार पर नागरिकता के अधिकार में भेदभाव वाला बिल है इसके बावजूद जनता दल यूनाइटेड ने इसका समर्थन किया. प्रशांत किशोर में पार्टी के फैसले के खिलाफ जाते हुए कहा है कि सिटिजन अमेंडमेंट बिल का समर्थन उनकी पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता. जनता दल यूनाइटेड के संविधान में पहले पेज के अंदर तीन बार धर्मनिरपेक्ष शब्द का इस्तेमाल किया गया है और पार्टी के नेतृत्व को गांधीवादी आदर्शों द्वारा निर्देशित बताया गया है. बावजूद इसके जेडीयू ने सिटिजन अमेंडमेंट बिल का समर्थन किया है, जिसे देखकर उन्हें निराशा हुई है.