VAISHALI : बिहार में एक तरफ जहरीली शराब से मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं, दूसरी तरह इस हत्या को लेकर विपक्षी दलों के तरफ से सरकार से तीखें सवाल पूछे जा रहे है। इसी कड़ी में अब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का बड़ा बयान सामने आया है। मांझी ने कहा है कि, बिहार में इतनी आवादी है तो ये सब छोटी - मोतिओं घटनाएं होती रहती है।
दरअसल, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से वैशाली में जब यह सवाल किया गया है मोतिहारी में जहरीली शराब पीने से 40 ले अधिक लोगों की मौत हो गई है। इस बारे में आपकी क्या राय है। जिसके बाद जवाब देते हुए मांझी ने कहा कि, बिहार में 14 करोड़ की जनसंख्या है तो छिटपुट घटनाएं होती रहती है। लेकिन, घटना होना एक बात है और उसपर एक्शन होना एक और बात। कहने का मतलब घटनांए हो जाती है लेकिन उसपर कार्रवाई भी हो जाती है। यहां का लॉ एंड ऑडर उतना भी खराब नहीं है जितना अन्य जगहों का है। बिहार में अगर लॉ एंड ऑडर खराब है भी तो यहां एक्शन होते रहती है। जबकि बगल के यूपी में क्या हाल है वह आपलोगों से छुपा हुआ नहीं है।
इसके अलावा मांझी ने एक बार फिर से यह कहा कि शराबबंदी पर समीक्षा को लेकर एक बार सर्वदलीय बैठक बुलाना बेहद जरूरी है। इस कानून पर एक बार अच्छी तरह से समीक्षा की जानी चाहिए। हालांकि, नीतीश जी ने मुआवजा को लेकर जो फैसला लिया है वह सही है। शराब नीतियों को लेकर इस तरह के संसोधन बेहद जरूरी है।
जीतन राम मांझी ने कहा कि, मुआवजा देने की बात बहुत पहले से हम बोलते रहते थे। शराब पीने के बाद लोग अगर मरते हैं वो भी खासकर विषैली शराब तो उनको जरूर रूप से मुआवजा मिलना चाहिए। शराब पीने में और विषैली शराब पीने में फर्क है। विषैली शराब पीकर जो लोग मरे हैं उनको मुआवजा मिलना चाहिए।
वहीं, जब नई शिक्षक बहाली नीति पर सवाल पूछा गया तो जवाब में जीतन राम मांझी ने कहा कि, जितने भी टीचर बहाल होते हैं वो एन केन प्रकारे सर्टिफिकेट ले लेते हैं और और ज्वाइन करते हैं। तो पढ़ाई का स्तर कमजोर हुआ तो इसके पहले लालू प्रसाद के समय में कमीशन में जो बहाल करवाए थे उसमें सभी टीचर अच्छे हैं। उसी तर्ज पर अगर टीचर की बहाली होगी तो अच्छे टीचर होंगे। हम समझते हैं इसमे कोई गड़बड़ी नहीं है। भले ही सवाल के जवाब में जीतन राम मांझी सरकार के नई नीतियों का समर्थन करते हुए दिखे लेकिन इस दौरान उन्होंने यह पोल भी खोल दिया कि बीते दिन हुए निविदा पर बहाल हुए शिक्षक अच्छे नहीं हैं। उनकी बहाली भी सही ढंग से नहीं हुई है जो अब विपक्ष के लिए एक नया मुद्दा हो सकता है। क्योंकि उन्होंने स्पष्ट कहा कि लालू प्रसाद के समय जो शिक्षक बहाल हुए थे वो अच्छे शिक्षक हैं।