PATNA: बीजेपी विधायक को फोन कर सरकार को अस्थिर करने के मामले में लालू प्रसाद यादव लगातार फंसते जा रहे हैं. बीजेपी के विधायक ललन पासवान ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ पटना के विजलेंस थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी है. जांच में लालू प्रसाद यादव के और फंसने की संभावना जतायी जा रही है.
ललन पासवान ने दर्ज करायी प्राथमिकी
बीजेपी के विधायक ललन पासवान ने पटना के निगरानी थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. उन्होंने अपनी प्राथमिकी में लालू प्रसाद यादव पर बिहार की सरकार को गिराने की साजिश रचने और प्रलोभन देने का आरोप लगाया है. निगरानी विभाग ने मामला दर्ज करने के बाद जांच पड़ताल शुरू करने की बात कही है. लालू यादव पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मुकदमा किया गया है.
ये वही विधायक ललन पासवान हैं जिनके साथ लालू प्रसाद यादव का ऑडियो वायरल हुआ था. इस ऑडियो में लालू प्रसाद यादव ये कह रहे हैं कि विधायक ललन पासवान विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के दौरान सदन से गैरहाजिर रहें. इसके लिए वे विधायक को मंत्री बनाने का भी प्रलोभन देते सुने जा सकते हैं. ऑडियो के वायरल होने के बाद सियासी हलके में हडकंप मच गया है.
जांच में कई और नेताओं की खुलेगी पोल
निगरानी विभाग के सूत्रों ने बताया कि लालू प्रसाद यादव सजायाफ्ता हैं. जेल मैनुअल के मुताबिक वे किसी सूरत में मोबाइल फोन का उपयोग नहीं कर सकते. लेकिन विधायक ने अपनी प्राथमिकी के साथ इस ऑड़ियो क्लीपिंग को भी सौंपा जिसमें लालू प्रसाद यादव से उनकी फोन पर बातचीत रिकार्ड है.
निगरानी विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सबसे पहले ये जांच की जायेगी कि रिकार्डिंग में ऑडियो लालू प्रसाद यादव की है या नहीं. पटना के फोरेंसिंक लैब में इसकी जांच की सुविधा है. जब इसकी पुष्टि हो जायेगी कि आवाज लालू प्रसाद यादव की है तो फिर उस मोबाइल नंबर के कॉल रिकार्ड को खंगाला जायेगा जिससे लालू यादव ने फोन किया था.
निगरानी विभाग ये पता लगायेगी कि उस फोन का लोकेशन क्या था. उस नंबर से किन किन लोगों को फोन किया गया. सारे कॉल रिकार्ड निकलवाये जायेंगे. आखिर उस सिम कार्ड को किसके नाम पर लिया गया था. इस सारी छानबीन में कई और चौंकाने वाले रहस्योदघाटन हो सकते हैं.
मुसीबत में लालू
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि लालू प्रसाद यादव मुसीबत में दिख रहे हैं. आज ही उन्हें रिम्स निदेशक के बंगले से वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है. उधर हाईकोर्ट में लंबित उनकी जमानत याचिका पर भी इसका असर पड़ सकता है.