PATNA: बिहार की सियासी गलियारे से इस वक्त की बड़ी खबर आ रही है। राजद सुप्रीमों से मुलाकात का दौर जारी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और मंत्री विजय चौधरी ने लालू से मुलाकात की। इस दौरान कानून मंंत्री कार्तिकेय कुमार भी लालू से मिलने पहुंचे।
मंत्री बनने के बाद कार्तिकेय पहली बार लालू से मिले और आशीर्वाद लिया। इस दौरान जब मीडिया ने उनसे बातचीत करने की कोशिश की तो उन्होंने बात करने से इनकार कर दिया। हालांकि यह कहते दिखे कि कोई मामला है ही नहीं।
बता दें कि बिहार के राजनीतिक गलियारों में कानून मंत्री कार्तिकेय कुमार की आज दिनभर चर्चा होती रही। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव जब दिल्ली से पटना आए तो राजद कोटे के तमाम मंत्रियों ने लालू से मुलाकात की। इसी बीच विधि मंत्री कार्तिकेय कुमार भी लालू से मिलने पहुंच गये।
राबड़ी आवास से बाहर निकलने के बाद कार्तिकेय कुमार पर जब मीडिया की नजरें गयी तो मीडिया ने उन्हें घेर लिया और सवाल करने लगे लेकिन कार्तिकेय मीडिया के सवालों से बचते दिखे। हालांकि उन्होंने इतना कहा कि कोई मामला ही नहीं है। इतना कह कार्तिकेय अपनी कार में बैठकर वहां से रवाना हो गये।
गौरतलब है कि आरजेडी विधायक और नए कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के खिलाफ कोर्ट में सरेंडर करने का वारंट जारी किए जाने की खबर सामने आई थी। जिसमें कोर्ट में सरेंडर करने की जगह उन्होंने कानून मंत्री के लिए शपथ ले ली। मिली जानकारी के अनुसार 2014 में राजीव रंजन को अगवा कर लिया गया था। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए कार्तिकेय सिंह के खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया गया। यह भी बात सामने आई कि कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी।
मामला सामने आने के बाद कार्तिकेय कुमार ने अपनी सफाई पेश की। उन्होंने कहा है कि हलफनामा में सभी मंत्री, विधायक अपना डिटेल देते हैं। इसमें इस तरह की कोई बात सामने नहीं आई है। बाकी जो लोग बोलते हैं, उन्हें बोलने दीजिये। अब कानून मंत्री कार्तिकेय कुमार के वकीलों ने बुधवार की शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की और इस मामले पर अपनी बातें रखी। कहा कि कार्तिक मास्टर के खिलाफ कहीं से भी कोई साक्ष्य नहीं है। अधिवक्ताओं ने कहा कि अंतिम पत्र समर्पित किया गया जिसमें उन्हें निर्दोष पाया गया है। उनके खिलाफ बेलेबल वारंट जारी किया गया था जिसे फिलहाल स्टे मिल गया है। न्यायालय से कोई भी ऐसी नोटिस नहीं मिली जिसमें यह बताया गया हो कि उन्हें 16 अगस्त को पेश होना था।