लजीज मटन के सहारे चुनाव जीतेंगे ललन सिंह? 2024 की चुनावी तैयारी में लगे जेडीयू के अध्यक्ष हर विधानसभा क्षेत्र में दे रहे मटन पार्टी

लजीज मटन के सहारे चुनाव जीतेंगे ललन सिंह? 2024 की चुनावी तैयारी में लगे जेडीयू के अध्यक्ष हर विधानसभा क्षेत्र में दे रहे मटन पार्टी

PATNA: 2024 के लोकसभा चुनाव में अभी लगभग एक साल का समय बाकी है. लेकिन जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह चुनावी तैयारी में लगे हैं. अब ये मत समझ लीजियेगा कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव की तैयारी में जुटे हैं. उनकी बडी चिंता अपना क्षेत्र है. मुंगेर से सांसद ललन सिंह अपने संसदीय क्षेत्र में मटन पार्टी देने में लगे हैं।


ललन सिंह ने रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र के मोकामा में मटन पार्टी का आयोजन किया. इसमें जेडीयू के साथ साथ राजद और कांग्रेस के नेताओं-कार्यकर्ताओं को भी बुलाया गया था. ललन सिंह की ओर से कहा गया कि महागठबंधन के कार्यकर्ताओं के सम्मान में इस महाभोज का आयोजन किया गया था. बता दें कि मुंगेर संसदीय क्षेत्र में आने वाला मोकामा वो विधानसभा क्षेत्र है, जहां ललन सिंह को हमेशा मुश्किलों का सामना करना पडा है. हालांकि अनंत सिंह की पत्नी के राजद के विधायक बन जाने के बाद ललन सिंह को उम्मीद है कि मोकामा पर भी उनका कंट्रोल हो जायेगा।


इससे पहले 2 अप्रैल को ललन सिंह की ओर से लखीसराय में मटन पार्टी दी गयी थी. इसे भी कार्यकर्ता सम्मान महाभोज का नाम दिया गया था. वैसे 2 अप्रैल को ललन सिंह के मटन महाभोज पर कई सवाल भी खड़े हुए थे. सोशल मीडिया पर कई लोगों ने ये सवाल उठाया था कि जब बिहार के दो जिले हिंसा की आग में जल रहे हैं तो सत्तारूढ़ जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष मटन की पार्टी कर रहे हैं।


मटन के सहारे जीत की उम्मीद

दरअसल ललन सिंह कुछ महीने पहले से ही 2024 की चुनावी तैयारियों में लगे हुए हैं. वे अपने संसदीय क्षेत्र में जगह-जगह जाकर लोगों से संपर्क कर रहे हैं. ललन सिंह की मुश्किल ये है कि उन्हें इस दफे पूरी तरह अलग परिस्थितियों में चुनाव लड़ना होगा. अब तक वे राजद विरोधी वोटरों को गोलबंद कर चुनाव जीतने की कवायद में लगे रहते थे. अब उनकी मुश्किल ये है कि राजद के वोट को अपने साथ कैसे बनाये रखा जाये. उपर महागठबंधन तो बन गया है लेकिन जमीनी स्तर पर तालमेल नहीं हो पाया है।


इसका नजारा 2022 में हुए मोकामा विधानसभा उप चुनाव में भी देखने को मिला था. इस सीट पर इतिहास में पहली दफे चुनाव लड़ रही भाजपा ने 63 हजार से ज्यादा वोट लाकर मोकामा के छोटे सरकार की पत्नी नीलम देवी को नाको चने चबा दिये थे. मोकामा सीट पर पहले से ही राजद के अनंत सिंह विधायक थे. उन्हें सजा मिलने के बाद सीट खाली हुई औऱ उप चुनाव हुआ. बीजेपी पहली दफे चुनाव लडी और फिर भी 2020 की तुलना में जीत का मार्जन घट गया. जबकि नीतीश औऱ तेजस्वी के साथ आने के बाद मार्जिन बढ़ना चाहिये था. जाहिर है वोटों के समीकरण में काफी उलट फेर हुआ है।


लिहाजा ललन सिंह की मटन पार्टी शुरू हुई है. मटन की पार्टी में ललन सिंह अपने पुराने समर्थकों औऱ राजद के वोट बैंक के बीच तालमेल बिठाने की कोशिश कर रहे हैं. देखना होगा कि मटन का महाभोज कहां तक इस मकसद को पूरा कर पाता है।