SAHARSA: नव निर्माण मंच के संस्थापक और बिहार विधानसभा के पूर्व सदस्य किशोर कुमार ने बिहार के राजनीतिक हालात पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने गांधी लोहिया और कर्पूरी के विचारों का विसर्जन कर दिया है। उनकी एक ही मंशा होती है मंत्री कोई भी हो राजा मैं ही रहूंगा। हाल की घटना क्रम से यह साबित हो गया है कि भाजपा राजद और जदयू के कथनी करनी में कोई अंतर नहीं है। ऐसे में जनता को किस पर विश्वास करना है यह खुद उन्हें ही तय करना होगा। जाति और धर्म से ऊपर उठकर देश और राज्य में नए विकल्प की तलाश करने से ही राज्य का विकास संभव है।
किशोर कुमार ने उसे बातें आज नीतीश कुमार की नवी बार ताजपोशी के बाद कहीं उन्होंने कहा कि बिहार की हालत के लिए नीतीश कुमार से ज्यादा भाजपा और राजद के लोग दोषी हैं। दोनों दलों ने हर बार एक मौकापरस्त इंसान से सिर्फ सत्ता के लिए हाथ मिलाया और बाद में एक दूसरे पर जमकर छींटाकशी करते नजर आए। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार से बड़ा दोषी भाजपा और राजद है, जो सत्ता के लिए नीतीश कुमार को गले लगाने को तैयार बैठे।
यह बिहार का दुर्भाग्य है। एक आदमी 9 बार सीएम बन रहा है, लेकिन बिहार की हालत बदत्तर है। सत्ता के लिए नीतीश, लालू और भाजपा में कोई फर्क नहीं है। नीतीश कुमार के लिए पलटीमार शब्द भी छोटा हो गया है। गाँधी, लोहिया और कर्पूरी के विचारों को आज सीएम आवास में मछली भात की तरह घटोश गये हैं।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने नीतीश कुमार के द्वारा सदन में दिए गए एक बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि नीतीश कुमार को अपने बयान पर शर्म करनी चाहिए। नीतीश ने दुनिया में देश की बेजती कराई है। उन्होंने विधानसभा में देश की माताओं बहनों का अपमान किया है। इंडिया गठबंधन नेता चुप क्यों हैं ? देश की बेइजती कराने वाले साथ सरकार बना रहे हैं, क्या उन्हें भी इस राजनीतिक कुकर्म के लिए शर्म आती है ?
उन्होंने कहा कि याद करिये अमित शाह जी ने छठी मैया की कसम खाकर क्या कहा था? झंझारपुर रैली में शाह ने नीतीश कुमार से कहा था कि तेल और पानी कभी एक साथ नहीं हो सकता। तेल और पानी का मिलन होता है, तो तेल को कुछ नहीं गंवाना पड़ता है। उलटा पानी गंदा हो जाता है। इसलिए नीतीश कुमार ने पीएम बनने के लिए आरजेडी से जो गठबंधन किया है, वो उन्हें ही डूबो देगा।
क्या हुआ आज तेल, पानी हुआ कि पानी, तेल हुआ। उपर से छठी मां की आस्था को अमित शाह जी ने मजाक बनाया है। इसका बुरा परिणाम उन्हें भुगतना होगा। वहीं, लालू यादव और तेजस्वी यादव भी सत्ता के लिए उनके साथ आये, जबकि वे एक बार पहले भी उन्हें छोड़ चुके थे, तो क्यूँ उन्होंने नीतीश कुमार के साथ सरकार बनायीं।सावंदता सम्मेलन में डॉ सुरेंद्र झा,त्रिभुबन सिंह,रोहित आनंद साह,प्रो राजकुमार झा,राकेश यादव,दिनेश शर्मा,मुकेश ठाकुर,रामचंद्र चौधरी उपस्थित थे।