कोशी के सपूत को सलाम, शहीद की अंतिम यात्रा में गूंजा 'जब तक सूरज चांद रहेगा कुंदन तेरा नाम रहेगा'

कोशी के सपूत को सलाम, शहीद की अंतिम यात्रा में गूंजा 'जब तक सूरज चांद रहेगा कुंदन तेरा नाम रहेगा'

SAHARSA : "शहीदों की चिता पर लगेंगे हर बरस मेले,बाकी यही निशां होगा" देश के दुश्मनो से लोहा लेते लेते इक वीर सपूत शहीद हो गया।वहीं शहीद की आखिरी विदाई के दौरान युवाओं  की भारत माता की जयकारा से जहां पूरा माहौल देशभक्ति से ओतप्रोत हो गया वहीं देश का दुश्मन चीन के विरुद्ध युवाओं का आक्रोश नारों से स्पष्ट प्रकट हो रहा था देशभक्ति के जज्बे का नायाब उदाहरण पेश कर रहा था कोशी क्षेत्र आरण गांव।


15 जून को सत्तर कटैया प्रखंड स्थित आरण गांव के कुंदन कुमार लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुये झड़प के दौरान चीनी सैनिकों को मारते मारते खुद शहीद हो गये।उनका शव यहां पहुंचा। शव के पहुंचते ही न सिर्फ गांव के बल्कि इलाके के लोगों का हुजूम शव के अंतिम दर्शन को पहुंचने लगे।असहनीय गम के बावजूद लोगों का जज्बा देखने लायक था ,न केवल युवा बल्कि बूढ़े भी चीन को सबक सिखाने के लिये उबलते दिखे। कोशी के इस सपूत ने एकबार फिर इलाके के लोगों को गौरवान्वित किया है।परिजनो के चीख पुकार व बदहवासी के बीच इलाके के लोगों में चीन के खिलाफ लड़ने का बेखौफ जज्बा साफ झलक रहा था।


शहीद कुंदन कुमार का शव पहुंचते ही इलाके के हजारों महिला ,पुरुष एवं बच्चे का जन सैलाब उमड़ पड़ा।चारों ओर गगनभेदी नारे लग रहे थे। माता पिता भाई बहन के चीख पुकार से जहाँ हरेक कि आँखें नम थी। आप खुद देखिये शहीद के मासूम बच्चे व पत्नी किस तरह चीत्कार मार रही हैं। दरअसल कुंदन को वर्ष 2012 में 16 बिहार बटालियन में GD जवान के रूप में नौकरी मिली थी उनकी तैनाती लद्दाख के गलवान घाटी स्थित LAC पर थी।बीते 15जून को बॉर्डर पर चीनी सैनिकों से झड़प के दौरान ये शहीद हो गये।


अपने गांव के होनहार युवक कुंदन को देश सेवा का जज्बा शुरू से ही था और यही वजह था कि इन्होने अपने कैरियर भी सेना में चुना और कम उम्र में शहीद हो न सिर्फ इलाके का बल्कि देश का नाम रौशन कर गया। अंतिम यात्रा में क्या पुरुष क्या महिला क्या बच्चा क्या बूढ़ा सभी के जुबान पर जब तक सूरज चाँद रहेगा कुंदन तेरा नाम रहेगा का नारा गुंजायमान रहा।मौके पर मौजूद महिलाओं ने भी कहा कि मौत तो हरेक इंसान की होगी पर जो देश के लिये शहीद हो उससे बड़ा गर्व और क्या होगा।


देश के लिए शहीद हुए कुंदन को राजकीय व सैन्य सम्मान के साथ मासूम पुत्र ने मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया। इससे पहले तो सेना के जवानो द्वारा गार्ड ऑफ़ ऑनर दिया गया फिर सेना के परम्परा के अनुरूप फायरिंग कर शहीद को सलामी दी गई।अंतिम संस्कार के दौरान कोशी प्रक्षेत्र के डीआईजी, जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक के अलावे तमाम वरीय अधिकारियों के अलावे शव के साथ आये सैन्य अधिकारियों ने भी इनकी वीरता कि प्रशंसा करते हुए कहा कि देश के प्रति इनका योगदान को देश हमेशा याद रखेगा।


शहीद कुंदन यादव के अंतिम विदाई में शामिल होने बिहार सरकार के दो दो मंत्री के अलावे सांसद व कई विधायक व कई पूर्व विधायक शामिल हुये।मौके पर मौजूद मंत्री रमेश ऋषिदेव की माने तो कुंदन ने शहीद होकर पूरे देश को गौरवान्वित किया है जो इस गांव व इलाके के लिये गौरव की बात है।भारत सरकार व बिहार सरकार इस दुख की घड़ी में इस परिवार के साथ खड़ी है।और हर तरह की मदद को तैयार है।कोशी के इस सपूत ने देश कि सीमा पर अपनी जान न्योछावर कर न केवल अपने गावं व जिला बल्कि समूचे बिहार को गौरवान्वित किया है।