केजरीवाल ने सुनाई चौथी पास राजा की कहानी, विधानसभा में बताया कौन है सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी!

केजरीवाल ने सुनाई चौथी पास राजा की कहानी, विधानसभा में बताया कौन है सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी!

DESK: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से सीबीआई ने रविवार को करीब 9 घंटे तक पूछताछ की थी। दिल्ली शराब घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने समन भेजकर केजरीवाल को अपने दफ्तर बुलाया था। सीबीआई के इस एक्शन के बाद आप सरकार ने सोमवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया। विशेष सत्र के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को विधानसभा में बिना नाम लिए प्रधानमंत्र नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला बोला और सदन को एक चौथी पास राजा की कहानी सुनाई।


दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एक महान देश में एक चौथी पास राजा था, जो बहुत अहंकारी था। उसे पैसे की बहुत हवस थी और वह बहुत बड़ा भ्रष्टाचारी था। अफसर अंग्रेजी में बोलकर उससे न जाने कौन सी फाइल पर साइन करवा लेते थे और उसे पता तक नहीं चल पाता था, क्योंकि वह राजा अनपढ़ था, अगर किसी से पूछता तो उसकी भारी बेइज्जती हो जाती।


मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अपने संबोधन में कहा कि, "आपने बचपन में राजा-रानी की बहुत कहानियां सुनी होंगी लेकिन मेरी कहानी में रानी नहीं हैं, बस राजा है। ये एक महान देश की कहानी है। कई हजार साल पुराना देश। उस देश के गांव में रहने वाले गरीब परिवार में एक बच्चे का जन्म हुआ। बच्चे के जन्म पर गांव के ज्योतिष ने कहा कि 'माई तेरा बेटा एक दिन बहुत बड़ा सम्राट बनेगा लेकिन माई को यकीन नहीं हुआ।"


केजरीवाल ने आगे कहा, "उस बच्चे ने चौथी पास होने के बाद पढ़ाई छोड़ दी। गांव के पास एक रेलवे स्टेशन था। घर का खर्चा चलाने के लिए वह लड़का स्टेशन पर चाय बेचता था। लड़के को भाषण देने का बड़ा शौक था। एक बार शुरू हो जाता तो बंद ही नहीं होता था। धीरे-धीरे राजा को बुरा लगने लगा कि ये लोग चौथी पास राजा कहते हैं। फिर उसने एक दिन फर्जी डिग्री बनवा ली और बोला कि 'मैं एमए हूं'। लोगों ने कहा कि ये तो गलत है तो आरटीआई डालनी शुरू कर दी, जो आरटीआई डालता उस पर 25 हजार रुपये जुर्माना लगा देता”।


विधानसभा में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, "कुछ लोगों ने चौथी पास राजा को आइडिया दिया कि नोटबंदी कर दो, भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा। राजा ने नोटबंदी कर दी लेकिन भ्रष्टाचार खत्म नहीं हुआ और देश 20 साल पीछे चला गया। किसान कानून पास कर दिए तो किसान सड़कों पर आ गए, 750 मौतें हो गई। इससे पहले तुगलक राजा था, वो भी ऐसे ही कुछ भी फालतू करता था।"