PATNA : देश के उत्तरी भाग में भले ही भीषण ठंड पड़ रही हो और लोग बेबजह घर जाने से परहेज कर रहे हो। लेकिन, इसके बाबजूद बिहार की सियासत में कुछ बड़ा होने के संकेत मिल रहे हैं। यह बैठक नेता विरोधी दल विजय कुमार सिन्हा के आवास पर बुलाई गयी है। भारतीय जनता पार्टी की ओर से शुक्रवार को बुलाई गई विधानमंडल दल की आपात बैठक कुछ निर्णायक फैसले की उम्मीद जताई जा रही है।
दरअसल, इस बैठक में मुख्य तौर पर दो एजेंडे पर बातचीत होगी। आने वाले दिनों में भाजपा हर विधानसभा इलाके में एक बड़ा आयोजन करने जा रही है। भाजपा के तरफ से इसका नाम गांव चलो अभियान रखा गया है। लिहाजा इस अभियान को सही तरीके से पटल पर उतारा जाए इसको लेकर बैठक में बातचीत होगी। इसके तहत एक साथ 45 हज़ार गांव में 45 हज़ार पार्टी के संयोजक पहुंचेंगे। इसके लिए पार्टी की तरफ से पंचायतवार संयोजक बनाये गए हैं।
वहीं, इस बैठक में मुख्य रूप से 5 फरवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र को लेकर विधानसभा में पार्टी की रणनीति पर चर्चा होगी। वही बदल रही सियासत पर भी रणनीति बनाई जा सकती है। 5 फरवरी से शुरू हो रहे विधानसभा के बजट सत्र में सरकार को कई बिंदुओं पर घेरने की तैयारी में है।माना जा रहा है कि जदयू और राजद के बीच सबकुछ ठीक-ठाक नहीं है। यही कारण है कि कई मुद्दो पर जदयू और राजद के नेता एक दूसरे के खिलाफ ही बयान देते नजर आते हैं।
ऐसे में अगर नीतीश कुमार कोई कदम उठाते है तो बीजेपी इस पर नजर बनाए रखने और तत्काल कदम उठाने के लिए तैयार है। बीजेपी विधायक दल की बैठक में तमाम विधायकों से नीतीश कुमार को लेकर फीडबैक भी ले सकती है। बीजेपी चाहती है कि कार्यकर्ताओं और लोगों के बीच बीजेपी को लेकर सकारात्मक संदेश बना रहे।
उधर, बिहार की मौजूदा करवट लेती सियासत में बीजेपी भले ही खुलकर कुछ बोलने से परहेज कर रही है। लेकिन, अंदरखाने नीतीश को लेकर नरम रुख अख्तियार करना शुरू कर दिया है। यही कारण है कि प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी हो या अन्य नेता नीतीश कुमार को लेकर अपने बयानों में सख्ती नहीं दिखाते। शुक्रवार की बैठक में माना जा रहा है कि विधायकों को भी यह संदेश दिया जा सकता है कि नीतीश कुमार के खिलाफ मुद्दों के आधार पर सवाल भले उठाए जाए। लेकिन, व्यक्तिगत हमले ना किया जाए। इसके साथ बिहार में लॉ एंड ऑर्डर और अपराध के मुद्दे पर राजद पर सवाल खड़े किए जाए।