कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा, बोले चिराग..यह समस्त बिहारवासियों का सम्मान

कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा, बोले चिराग..यह समस्त बिहारवासियों का सम्मान

PATNA:  बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और स्वतंत्रता सेनानी कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का एलान केंद्र सरकार ने किया है। पिछड़े वर्गों के हितों की वकालत करने वाले स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर को उनकी जयंती पर मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। केंद्र सरकार के इस फैसले का लोजपा रामविलास क राष्ट्रीय अध्यक्ष व जमुई सांसद चिराग पासवान ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि कर्पूरी जी को भारत रत्न से सम्मानित करना समस्त बिहारवासियों का सम्मान है।  


लोजपा (रा.) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान जी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा है कि ‘सामाजिक न्याय’ के पुरोधा जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को मरणोपरांत उनकी 100 वीं जयंती के अवसर पर भारत रत्न देने की घोषणा करने पर देश के प्रधानमंत्री आदरणीय श्री @narendramodi जी का आभार व्यक्त करता हूं। जननायक कर्पूरी ठाकुर जी समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों को मान-सम्मान दिलाने के लिए सदैव तत्पर रहते थे। इन्हें भारत रत्न से सम्मानित करना समस्त बिहारवासियों का सम्मान है।


बिहार में अति पिछड़ों के मसीहा माने जाने वाले पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को केंद्र सरकार ने भारत रत्न देने का एलान कर दिया है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की मौत के 36 साल बाद देश का सर्वोच्च सम्मान देने का फैसला लिया गया है. 24 जनवरी को कर्पूरी जयंती है और उससे एक दिन पहले केंद्र सरकार ने ये एलान कर दिया है.


बता दें कि कर्पूरी ठाकुर स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता थे. वे दो दफे बिहार के मुख्यमंत्री रहेथे. लोकप्रियता के कारण उन्हें जन-नायक कहा जाता था.  कर्पूरी ठाकुर का जन्म समस्तीपुर के पितौंझिया गांव में हुआ था.. नाई जाति से आने वाले कर्पूरी ठाकुर ने अपना सामाजिक जीवन देश के स्वतंत्रता संघर्ष से शुरू किया था. वे भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान 26 महीने जेल में रहे थे. समाजवादी विचारधारा के नेता कर्पूरी ठाकुर दो दफे बिहार के मुख्यमंत्री रहे. वे वह 22 दिसंबर 1970 से 2 जून 1971 तथा 24 जून 1977 से 21 अप्रैल 1979  तक बिहार के सीएम पद पर रहे.   


पिछड़ों को दिया था आरक्षण

कर्पूरी ठाकुर ने देश में पहली दफे पिछडों और अति पिछड़ों के लिए आरक्षण दिया था. 1978 में उन्होंने पिछडों और अति पिछडों के लिए अलग अलग आरक्षण की व्यवस्था लागू की थी. उन्होंने अति पिछड़ों के लिए 12 प्रतिशत, पिछड़ों के लिए 8 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया था. वहीं, गरीब सवर्णों के लिए भी आरक्षण की व्यवस्था की थी. कर्पूरी ठाकुर बिहार के मौजूदा दौर के राजनेताओं लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार के राजनीतिक गुरू माने जाते हैं.