जीतन राम मांझी ने अशोक चौधरी से पूछा- मेरी पत्नी, दामाद दलित ही हैं ना कि कोई और? सोशल मीडिया पर दोनों के बीच जबर्दस्त जंग

जीतन राम मांझी ने अशोक चौधरी से पूछा- मेरी पत्नी, दामाद दलित ही हैं ना कि कोई और? सोशल मीडिया पर दोनों के बीच जबर्दस्त जंग

PATNA: सोशल मीडिया पर बिहार के दो दलित नेताओं के बीच जबरदस्त जंग छिड़ी हुई है. दोनों ओर से शुक्रवार की सुबह से एक-दूसरे पर वार कर रहे हैं. हाल ये है कि जीतन राम मांझी ने अशोक चौधरी से पूछा है-अशोक जी, मेरी पत्नी, दामाद सब दलित ही हैं ना कि कोई और?


ऐसे हुई शुरूआत

दरअसल, जेडीयू के एक विधायक गोपाल मंडल ने जीतन राम मांझी को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था. नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले विधायक गोपाल मंडल ने गुरूवार को कहा था कि पता नहीं जीतन राम मांझी मुसहर जाति से आते हैं या नहीं. इसके बाद जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर गोपाल मंडल के बहाने नीतीश कुमार पर हमला बोला.


जीतन राम मांझी ने लिखा-“नीतीश जी, आखिर आपको दलितों से इतनी नफ़रत क्यों है? सदन के अंदर मुझे अपमानित किया, बेगुनाह SC पर अत्याचार करवाया, अब अपने MLA से मेरे बहाने मुसहरों को गाली दिलवा रहे है. SC से इतनी ही नफरत है तो अधिसूचना जारी करके दलितो को राज्य से निकाल ही दीजिए. ना दलित रहेगे ना आप उनसे नफरत करेंगे.”


मांझी के इस बयान पर नीतीश कुमार ने तो कोई टिप्पणी नहीं की. लेकिन उनकी पार्टी के नेता और मंत्री अशोक चौधरी ने पलटवार किया. सोशल मीडिया पर अशोक चौधरी ने जीतन राम मांझी को जवाब दिया. उन्होंने लिखा कि मांझी की बढ़ती उम्र के साथ स्मरण शक्ति कमजोर हो गई है! नीतीश ने अपनी कुर्सी छोड़कर जीतनराम मांझी को बिहार का पहला महादलित मुख्यमंत्री बनाया था. मगर आप विकास करने में असफल साबित हुए. नीतीश कुमार ने मेरे जैसे छोटे से दलित नेता को कैबिनेट में जगह दी. पार्टी में इतना स्नेह मिला वो भी नीतीश की ही देन है।


इसके बाद जीतन राम मांझी ने फिर अशोक चौधरी की पोस्ट पर जवाब दिया. उन्होंने लिखा कि किसी दलित को मुख्यमंत्री बनाकर अपने विधायक से गाली दिलवाना कौन सा सम्मान है. किसी मुसहर को रबर स्टांप सीएम समझना कौन सा दलित सम्मान है. उम्र में अपने से बड़े एक पूर्व महादलित सीएम को सदन के अंदर तू-तड़ाक में बात करना कैसा सम्मान है.


मांझी के जवाब पर अशोक चौधरी ने फिर पलटवार किया. उन्होंने लिखा कि  सम्मान अपने कर्मों से मिलता है. अशोक चौधरी ने आरोप लगाया कि जीतनराम मांझी ने जेडीयू को तोड़ने का प्रयास किया. नीतीश कुमार ने जाति गणना करवाई और जरुरत के अनुसार आरक्षण को भी बढ़ाया. जिस टहनी पर आप बैठे थे उसी को काटने का प्रयास किया! और किस दलित समाज की बात कर रहे हैं आप जिसमें सिर्फ आपके समधी, आपका बेटा और आप खुद हैं! क्या यही है पूरा दलित समाज? पुन: दोहरा रहा हूं. बढ़ती उम्र के साथ आपकी स्मरण शक्ति कमजोर हो गई है! बहुत देर हो गई, जीतनराम मांझी जी!


परिवार पर उतरी बात

अशोक चौधरी के पलटवार पर जीतन राम मांझी खामोश नहीं बैठे. उन्होंने जवाब दिया- अशोक जी हो सकता है आपको आरक्षण CM ने दिया होगा, पर हम SC को तो आरक्षण बाबा साहेब की कृपा से मिला है. मैने तो JDU नहीं तोड़ा,पर जिस कांग्रेस ने आपको इज्जत दिया जब आप उनके नहीं हुए तो नीतीश जी के कैसे हो सकतें हैं? रही बात परिवार की, तो मेरे पत्नी,दामाद सब दलित ही हैं ना की कोई और?