ज्यादा खुश हैं नीतीश या कुछ और बात है? जेडीयू के कार्यक्रम में वर्कर ने उठाया ग्रामीण चिकित्सक का मामला, CM शिक्षकों की बात करने लगे, देखिये वीडियो

ज्यादा खुश हैं नीतीश या कुछ और बात है? जेडीयू के कार्यक्रम में वर्कर ने उठाया ग्रामीण चिकित्सक का मामला, CM शिक्षकों की बात करने लगे, देखिये वीडियो

PATNA: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों ज्यादा खुश हैं या फिर कुछ और बात है. कुछ दिनों पहले उन्होंने विधानसभा में बोल दिया था कि-मैं अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में देश का गृह मंत्री था. लोग उनकी बात सुनकर हैरान रह गये थे. अब जेडीयू के कार्यक्रम में वे फिर बहक गये. उनकी बात से पार्टी के लोग ही हैरान हैं।


आंबेडकर जयंती में हुआ वाकया

दरअसल, शुक्रवार को जेडीयू के प्रदेश कार्यालय में आंबेडकर जयंती समारोह मनाया जा रहा था. नीतीश कुमार उस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे. नीतीश कुमार के भाषण के दौरान ही पार्टी के एक कार्यकर्ता ने ग्रामीण चिकित्सकों का मामला उठा दिया. जेडीयू के कार्यकर्ता ने नीतीश कुमार से कहा कि ग्रामीण चिकित्सकों के बारे में भी कुछ सोचिये. उसके बाद नीतीश कुमार ने जो जवाब दिया उसे सुनकर पार्टी के ही नेता-कार्यकर्ता हैरान रह गये।


जानिय क्या कहा नीतीश कुमार ने जेडीयू के आंबेडकर जयंती समारोह में ग्रामीण चिकित्सक का मामला उठाने वाले वर्कर को नीतीश कुमार ने पहले कहा-“अरे, बइठ न भाई, तु काहे ला बीच में बोल रहल हे”. फिर उस वर्कर को जवाब देना शुरू किया-बतवा समझो न. चिकित्सक मालूम है, कितना बड़ा हम चिकित्सा का बहाली कराये. अभी आज तक कुछ समझता नहीं है. शुरू में ही हम दे दिये और उसमें बहुत लोग पढ़ाता नहीं है. हम सोंच रहे हैं कि अरे भाई पढ़ाओ. अब हमने तय कर दिया, हम सब लोगों ने मिल कर के. सात पार्टी एक साथ हैं. मिलकर के हम लोगों ने  तय कर दिया है कि आगे जो बहाली करेंगे…फिर सरकारी बहाली कर देंगे. अब आपको मालूम है, बहुत ज्यादा...दो लाख से भी बहुत ज्यादा बहाली होने वाली है.


नीतीश का जवाब सुनकर जेडीयू प्रदेश कार्यालय में बैठे ढ़ेर सारे नेता हैरान हो गये. कुछ लोगों ने तालियां भी बजायी. बात ग्रामीण चिकित्सक की उठी थी. उसके बाद नीतीश चिकित्सा की बहाली की बात करने लगे. फिर उनके पढ़ाने की चर्चा की और फिर कहा कि अब सरकारी बहाली करेंगे. दरअसल, नीतीश कुमार ग्रामीण चिकित्सक के सवाल पर शिक्षकों की बात करने लगे. 


ये पहला वाकया नहीं है जब बिहार के मुख्यमंत्री भटक गये हों. विधानसभा के बजट सत्र में उन्होंने सदन में कह दिया था कि वे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में देश के गृह मंत्री थे औऱ उस दौरान उन्होंने गृह मंत्रालय में खिलाडियों को नौकरी देना शुरू किया था. उनकी पहल के बाद ही देश में दूसरी जगहों पर खिलाड़ियों को नौकरी दिया जाने लगा. जबकि नीतीश कुमार कभी देश के गृह मंत्री नहीं रहे हैं. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में लाल कृष्ण आडवाणी गृह मंत्री थे. नीतीश कभी केंद्रीय गृह मंत्री के प्रभार में भी नहीं रहे.