NALANDA: सासाराम और बिहारशरीफ में रामनवमी के दौरान हुई हिंसा को लेकर जन अधिकार युवा परिषद के प्रदेश अध्यक्ष राजू दानवीर ने कहा है कि दंगा फैलाने वालों का न तो कोई धर्म होता है और ना ही कोई जाति होती है। समाज में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दंगा और अशांति एक राजनीतिक स्वार्थ का मुद्दा है, जिसके जरिए लोग अपनी नाकामी को छिपाना चाहते हैं, जबकि देश और प्रदेश में रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य प्रमुख समस्या है लेकिन इस पर कोई बात करने को तैयार नहीं है।
दरअसल, राजू दानवीर ने गुरुवार को सलेमपुर गांव में आयोजित रामधुन अखंड कीर्तन समारोह में शामिल होने पहुंचे थे, जहां उन्होंने ग्रामीणों के साथ समस्त प्रदेशवासियों की खुशहाली की कामना करते हुए कहा कि बिहारशरीफ की हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण है, जिसमें लूट पाट, हत्या और लोगों पर जानलेवा हमला हुआ। इसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है। उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म और सभ्य समाज में हिंसा को जगह नहीं दी गई है। फिर भी कुछ लोग धर्म के नाम पर हिंसा करते हैं। ऐसा करने वालों के झांसे में ना आएं। यह हमारी प्रगति और सामाजिक समरसता के लिए बाधक है। उन्होंने नालंदा वासियों से अपील की हैं कि वे सामाजिक समरसता और शांति को खत्म करने वाले लोगों से दूर रहे हैं। कानून का पालन करें।
उन्होंने अपने पैतृक गांव गालिमपुर और खलीमचक की गलियों में भी भ्रमण कर शांति का संदेश दिया और उनका कुशलक्षेम पूछा। बता दें कि राजू दानवीर बीते दिनों भी बिहारशरीफ हिंसा के बाद वहां शांति का संदेश लेकर जन अधिकार पार्टी के मुखिया पप्पू यादव के साथ गए थे। जहां उन्हें प्रशासन ने पहले ही रोक दिया था। वहां से भी उन्होंने सबों से शांति की अपील की थी और कहा था कि नफरत किसी भी समस्या का हल नहीं है। आज भी उन्होंने यहां अखंड रामधुन कीर्तन में शामिल होकर लोगों से प्रदेश में शांति का माहौल बनाएं रखने की अपील की। इस मौके पर उनके साथ पार्टी के कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।