PATNA: बिहार में जहरीली शराब पीने से मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। छपरा जहरीली शराबकांड के बाद अब पूर्वी चंपारण के मोतिहारी में जहरीली शराब से करीब 22 लोगों की मौते हो चुकी हैं। शराब से हुई मौतों को लेकर बिहार की सियासत एक बार फिर से गर्म हो गई है। बीजेपी को नीतीश सरकार को घेरने का बैठे बिठाए एक और मुद्दा हाथ लग गया है। बीजेपी सांसद और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने शराब से हुई मौतों को लेकर सरकार पर जोरदार हमला बोला है।
सुशील मोदी ने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि मोतिहार के चार थाना क्षेत्रों में जहरीली शराब पीने से अबतक 22 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। जिन 22 लोगों की मौत हुई है वे सभी दलित और पिछड़े समाज से आते हैं। सुशील मोदी ने कहा कि सरकार आंकड़ों को छिपाने का काम कर रही है। घर-घर जाकर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी दबाव बना रहे हैं कि वे शवों का पोस्टमार्टम न कराएं और उनका अंतिम संस्कार कर दें।
उन्होंने कहा कि अस्पताल में बीमार लोगों के इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है। अगर इलाज की समुचित व्यवस्था होती तो जो लोग मारे गए हैं उनमें से आधे से अधिक लोगों की जान बचाई जा सकती थी। बीजेपी सांसद ने कहा कि छपरा में जहरीली शराब कांड के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की थी कि सरकार सर्वदलीय बैठक बुलाकर मृतकों को मुआवजा दिए जाने के मुद्दे पर चर्चा करेगी लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से इसको लेकर कोई बैठक नहीं बुलाई गई।
सुशील मोदी ने सरकार से मांग की है कि वह जल्द से जल्द सर्वदलीय बैठक बुलाकर छपरा समेत जहां भी जहरीली शराब पीने से मौते हुई हैं मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए। इसके साथ ही सुशील मोदी ने पटना हाई कोर्ट की उस टिप्पणी की भी याद दिलाई, जिसमें कोर्ट ने यह कहा था कि जो लोग जहरीली शराब पी कर इलाज के लिए अस्पताल में आते हैं उनके इलाज की व्यवस्था की जानी चाहिए। वहीं मानवाधिकार आयोग ने भी मृतक के परिजनों को चार-चार लाख रुपए मुआवजा देने का निर्देश दिया था।