PATNA : बाहुबली विधायक आनंद मोहन के ऊपर दर्ज डीएम की हत्या का मामले में बड़ी राहत मिली है। गृह विभाग के तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक किया कहा गया है कि उनके ऊपर जो डीएम की हत्या का मामला दर्ज था उसे विलोपित कर दिया गया है। इससे अब यह साफ हो गया है कि बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई बहुत जल्द होने वाली है।
बिहार सरकार कृषि विभाग (कारा) 10 अप्रैल को बड़ा बदलाव किया है। बिहार सरकार कृषि विभाग (कारा) के तरफ से एक अधिसूचना जारी की गई है उममें कहा गया है कि, संख्या- कारा / 05-07 ( अ०मू० ) - 14 / 2022............/ कारा अधिनियम, 1894 ( अधिनियम 9, 1894) की धारा 59 एवं दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 (1974 का 2) की धारा 432 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए बिहार के राज्यपाल बिहार कारा हस्तक, 2012 में अधिसूचना निर्गत होने की तिथि से निम्नलिखित संशोधन करते है:- बिहार कारा हस्तक 2012 के नियम - 481 (i) (क) का संशोधन:- बिहार कारा हस्तक 2012 नियम - 481 (i) (क) में वर्णित वाक्यांश "या काम पर तैनात सरकारी सेवक की हत्या" को विलोपित किया जायेगा।
इस पत्र को लेकर कानून के जानकार का कहना है कि, बिहार कारा हस्तक, 2012 के नियम-481(i) (क) में संशोधन करके उस वाक्यांश को हटा दिया गया है, जिसमें सरकारी सेवक की हत्या को शामिल किया गया था। इस संशोधन के बाद अब ड्यूटी पर तैनात सरकारी सेवक की हत्या अपवाद की श्रेणी में नहीं गिना जाएगा, बल्कि यह एक साधारण हत्या मानी जाएगी। इस संशोधन के बाद आनंद मोहन के परिहार की प्रक्रिया अब आसान हो जाएगी, क्योंकि सरकारी अफसर की हत्या के मामले में ही आनंद मोहन को सजा हुई थी। अब इसे विलोपित कर दिया गया है।
मालूम हो कि, बिहार की रिमिशन (परिहार) की पॉलिसी-1984 में 2002 में दो बड़े बदलाव किए गए थे। बदलाव के तहत 5 कैटेगरी के कैदी को नहीं छोड़ने का प्रावधान शामिल किया गया था। ये ऐसे कैदी होते हैं, जो एक से अधिक मर्डर, डकैती, बलात्कार, आतंकवादी साजिश रचने और सरकारी अधिकारी की हत्या के दोषी होंगे। अब उनके छोड़ने का निर्णय सरकार लेगी।
आपको बताते चलें कि, आनंद मोहन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या की सजा काट रहे हैं। वे इस मामले में 14 साल की सजा काट चुके हैं, लेकिन सरकार के इस प्रावधान की वजह से उनकी रिहाई नहीं हो पा रही थी। ऐसे में नए संशोधन के बाद अब इस कैटेगरी को ही समाप्त कर दिया गया। इसके कारण आनंद मोहन की रिहाई में जो अवरोध था, वह पूरी तरह समाप्त हो गया। अब वो जेल से रिहा हो सकते हैं।