दिल्ली में हुआ चुनाव का एलान, बिहार में भी पार्टियों ने कसी कमान

दिल्ली में हुआ चुनाव का एलान, बिहार में भी पार्टियों ने कसी कमान

PATNA : दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान होते ही बिहार में पार्टियों ने भी अपनी कमान कसनी शुरु कर दी है। लालू ने जहां तेजस्वी को दिल्ली चुनाव में कमान संभालने का आदेश दे रखा है वहीं नीतीश की पार्टी जेडीयू भी अकेले ही चुनाव लड़ने का एलान कर रखा है।

2020 में जहां दिल्ली में चुनाव होने वाले हैं वहीं बिहार में भी इसी साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। बिहार में नया साल लगते ही चुनावी गहमागहमी बढ़ी हुई है। पोस्टर के जरिए एक दूसरे पर पार्टियां हमलावर हो रही हैं। जेडीयू-आरजेडी के बीच तो जबदस्त पोस्टर वॉर छिड़ा हुआ है। इस सियासी उठापटक में जेल में सजा काट रहे लालू  वहीं से कमान संभाल रहे हैं। ऐसे में दिल्ली चुनावों का एलान होने पर बिहार में सियासी उठापटक तय है। 

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने पहले ही तेजस्वी यादव को दिल्ली चुनाव की तैयारी करने का निर्देश दे रखा है। लालू ने तेजस्वी को कह दिया था कि बिहार चुनाव से पहले दिल्ली में होने वाले चुनाव में भी आरजेडी को उतरना है। लालू के निर्देशों का पालन करते हुए तेजस्वी दिल्ली दौड़ भी लगा रहे हैं। ऐसे में दिल्ली चुनाव में पहली बार कई सीटों पर आरजेडी का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। वैसे भी दिल्ली में बिहारी जनसंख्या की अच्छी खासी तादाद बसती है। सभी पार्टियां उन वोटों को महत्व को बखूबी पहचानती हैं। 

वहीं लालू के सियासी दुश्मन बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पार्टी पहले ही दिल्ली चुनावों में अपनी किस्मत आजमा चुकी हैं। हालांकि जेडीयू कोई खास सफलता हासिल नहीं कर सकी है। लेकिन नीतीश कुमार इन चुनावों में खासे एक्टिव रहे थे। वैसे भी दिल्ली चुनावों में जेडीयू ने अकेले ही चुनाव मैदान में उतरने का एलान कर रखा है। नीतीश कुमार ने झारखंड चुनाव के वक्त ही तय कर लिया था कि दोनों ही जगहों पर जेडीयू अकेले चुनाव लड़ेगी। साथ ही उन्होनें ये भी साफ किया था इसे बीजेपी से टकराव के रुप में नहीं देखा जाना चाहिए।

दिल्ली में बिहारियों की ताकत का अहसास केन्द्र में सत्तासीन बीजेपी को भी बखूबी है। बीजेपी ने पहले से ही मनोज तिवारी पर दांव खेला है। संभवत: बीजेपी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर उन्हें ही प्रोजेक्ट किया जाएगा। लेकिन आरजेडी और जेडीयू के चुनाव लड़ने पर बीजेपी को बिहारी वोटरों को थोड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।