PATNA: 7 महीने पहले देश भर में विपक्षी एकता बनाने का एलान करने वाले नीतीश कुमार की लंबे अर्से बाद आज दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात हो गयी. लेकिन उनके घर में सेंध लगती हुई नजर आ रही है. बिहार के महागठबंधन में शामिल जीतन राम मांझी गुरूवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने जा रहे हैं.
जीतन राम मांझी की पार्टी की ओर से ये जानकारी दी गयी है कि गुरूवार को पूर्व मुख्यमंत्री मांझी दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात करेंगे. हालांकि मुलाकात का कारण कुछ और बताया जा रहा है. मांझी की पार्टी की ओर से दी गयी जानकारी के मुताबिक जीतन राम मांझी बिहार के महापुरूषों को भारत रत्न दिलाने की मांग करने के लिए अमित शाह से मिलेंगे. वे उन्हें ज्ञापन देकर मांग करेंगे कि दशरथ मांझी, कर्पूरी ठाकुर और श्रीकृष्ण सिंह को भारत रत्न देकर सम्मानित किया जाये.
बिहार में होगा खेला?
सियासी हलके में सवाल ये उठ रहा है कि अचानक से जीतन राम मांझी को अमित शाह से मिलकर ज्ञापन देने की कैसे सूझी. पहले से ही इसकी चर्चा होती रही है कि जीतन राम मांझी बीजेपी के संपर्क में है. खुद नीतीश कुमार ने सार्वजनिक तौर पर ये कहा था कि भाजपा जीतन राम मांझी पर डोरे डाल रही है. अब जब मांझी अमित शाह से मिलने जा रहे हैं तो इन चर्चाओं को बल मिल रहा है. सवाल ये उठ रहा है कि मांझी की अमित शाह से मुलाकात में सिर्फ भारत रत्न देने की मांग होगी या फिर नया सियासी समीकरण बनाने की राह खुलेगी.
वैसे भी राहुल गांधी से मुलाकात के बाद नीतीश और तेजस्वी भले ही देश भर में विपक्षी एकता की बात कर लें, बिहार में अपने ही गठबंधन की गुत्थी सुलझाना मुश्किल होगा. बिहार में सात पार्टियों का गठबंधन है. 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर गठबंधन के हर पार्टी की अपनी अलग डिमांड है. नीतीश-तेजस्वी के लिए गठबंधन की हर पार्टी को मैनेज कर पाना बेहद मुश्किल होगा.