दंगों की जांच से पहले ही रिपोर्ट बता रहे हैं नीतीश: सुशील मोदी बोले-रामभक्तों को फंसाने की है साजिश, हिम्मत है तो न्यायिक जांच करायें नीतीश

दंगों की जांच से पहले ही रिपोर्ट बता रहे हैं नीतीश: सुशील मोदी बोले-रामभक्तों को फंसाने की है साजिश, हिम्मत है तो न्यायिक जांच करायें नीतीश

PATNA: BJP नेता औऱ पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने बिहार में रामनवमी के मौके पर हुए दंगों को लेकर नीतीश कुमार पर हमला बोला है. सुशील मोदी ने कहा-नीतीश कुमार रामभक्तों को फंसाने की साजिश रच चुके है. जब मामले की जांच हो रही है तो नीतीश कुमार ने रिपोर्ट कैसे बता दी कि दंगे के लिए साजिश रचा गया था. जाहिर है नीतीश कुमार ने पूरी प्लानिंग कर ली है और जांच की नौटंकी कर रहे हैं.  जिन पर पत्थर बरसाये गये उन्हें ही फंसाया जायेगा. अगर नीतीश कुमार में हिम्मत है तो वह बिहारशरीफ औऱ सासाराम दंगों की न्यायिक जांच कराये. 


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि रामनवमी पर बिहारशरीफ और सासाराम सहित चार शहरों में उपद्रव करना उनकी साजिश थी, जिन्होंने रामभक्तों पर पत्थरों से हमला किया और विस्फोट कराये. ये  साजिश उनकी थी, जो सासाराम में सम्राट अशोक के शिलालेख पर मजहबी कब्जा हटाने के खिलाफ थे. साजिश उनकी थी, जो सम्राट अशोक की जयंती मनाने से भाजपा को रोकना चाहते थे। 


जांच का ड्रामा नहीं करें नीतीश 

 सुशील मोदी ने कहा है कि मुख्यमंत्री का यह कहना तो सही है कि माहौल खराब कराया गया, लेकिन वे लगे हाथ साजिश का आरोप उन्हीं राम भक्तों पर लगा रहे हैं, जिन पर हमले हुए, जिनके घर जले और जिस समुदाय के एक व्यक्ति की जान गई. जब मुख्यमंत्री पहले ही तय कर रहे हैं कि दंगों की साजिश किन लोगों की, तब राज्य सरकार की जांच का कोई मतलब नहीं. अगर नीतीश कुमार में हिम्मत है तो उन्हें पूरे मामले की न्यायिक जांच करानी चाहिए। 


सुशील मोदी ने कहा है कि नीतीश कुमार ने राम भक्तों को प्रताड़ित करने और दंगाइयों को बचाने का मन बना लिया है.  यही उन्हें लाल किले तक पहुँचने का रास्ता लगता है. नीतीश कुमार दंगों को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब क्यों नहीं दे रहे.  संवेदनशील इलाकों में  समय पर फ्लैग मार्च क्यों नहीं हुआ? कर्फ्यू लगाने में देर क्यों हुई? केंद्र से अर्धसैनिक बल की पर्याप्त टुकड़ी क्यों नहीं मांगी गई? शोभायात्रा के मार्ग में पड़ने वाले घरों और उनकी छतों की तलाशी पहले क्यों नहीं की गई?  रामनवमी पर चाक-चौबंद सुरक्षा देने में जो सरकार फेल रही और वह खुद ही अपनी जांच करेगी और खुद ही पास घोषित कर देगी।