'दलित को कर दीजिए बिहार से बाहर ...', मांझी ने कर डाली CM नीतीश से बड़ी मांग, जमकर दिखाया गुस्सा

 'दलित को कर दीजिए बिहार से बाहर ...', मांझी ने कर डाली CM नीतीश से बड़ी मांग, जमकर दिखाया गुस्सा

DELHI : हम के संस्थापक और एनडीए के सहयोगी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक बार फिर सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला है। और आरोप लगाया है कि वो अपने विधायकों के बहाने मुसहरों को गाली दिलवा रहे हैं। जीतन मांझी ने कहा कि- दलितों से इतनी ही नफरत है, तो अधिसूचना जारी करके बिहार से निकाल ही दीजिए। 


दरअसल, बीते कल  जदयू विधायक गोपाल मंडल ने ये दावा किया था कि जीतन मांझी मुसहर भी हैं या नहीं, यह भी कोई नहीं जानता। मांझी तो मल्लाह को कहा जाता। मांझी को मुख्यमंत्री बनाकर सीएम नीतीश कुमार ने बड़ी गलती की है। उसके बाद अब गोपाल मंडल की इस बात को लेकर मांझी ने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए पलटवार किया है। 


मांझी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कहा है कि-  नीतीश जी आखिर आपको दलितों से इतनी नफ़रत क्यों है? सदन के अंदर मुझे अपमानित किया,बेगुनाह SC पर अत्याचार करवाया, अब अपने MLA से मेरे बहाने मुसहरों को गाली दिलवा रहे है। SC से इतनी ही नफरत है, तो अधिसूचना जारी करके दलितों को राज्य से निकाल ही दीजिए, ना दलित रहेगे ना आप उनसे नफरत करेगे।


वहीं, इससे पहले जदयू विधायक गोपाल मंडल ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि- मांझी बूढ़े हो गए हैं। वो क्या बोलते हैं, इसकी कोई वैल्यू नहीं है। वह मुसहर भी है या नहीं, यह भी कोई नहीं जानता। मांझी तो मल्लाह को कहा जाता। यही नहीं गोपाल मंडल ने कहा कि नीतीश कुमार ने मांझी को सीएम बनाकर बहुत बड़ी गलती की थी। इसके बाद अब मांझी ने गुस्से के साथ यह पलटवार किया है। 


आपको, बताते चलें कि जीतन मांझी बीते कई दिनों से नीतीश कुमार के एनडीए में जाने का दावा कर रहे थे। मांझी के दावे को लेकर जदयू एमएलए गोपाल मंडल से पत्रकारों ने सवाल किया था। जिसका जवाब देते हुएं मंडल ने मांझी को भी लपेट लिया था। वही गोपाल मंडल ने कहा कि नीतीश अब पाला बदलने वाले नहीं हैं। अगर अब वो कहीं जाएंगे तो उनका वजूद कम हो जाएगा।


इसके बाद मांझी ने इस ट्वीट का पलटवार करते हुए कहा कि- जीतनराम मांझी के इस बयान का पलटवार करते हुए जेडीयू के मंत्री अशोक चौधरी ने भी एक्स पर लिखा है कि आदरणीय, जीतनराम मांझी जी, नमस्कार! बढ़ती उम्र के साथ आपकी स्मरण शक्ति कमजोर हो गई है! मंत्री अशोक चौधरी ने आगे लिखा कि मैं याद दिलाता हूं। वो नीतीश जी ही थे जिन्होंने अपना पद त्यागकर आपको बिहार का पहला महादलित मुख्यमंत्री बनाया था और समाज, क्षेत्र और प्रदेश के विकास को गति देने का अवसर दिया था। लेकिन उस समय आप विकास कार्य करने में आप असफल साबित हुए।


अशोक चौधरी आगे कहते हैं कि महात्मा गांधी जी दलित नहीं थे लेकिन समाज में दलितों के उत्थान और छुआछूत जैसी कुरूतियों को समाप्त करने के लिए उन्होंने जो किया, उसी का प्रतिफल आज बिहार व देश में दिखाई देता है। बाबासाहेब और गांधी जी के मार्ग पर चलते हुए बिहार में दलित और शोषित वर्ग के लिए जो काम नीतीश जी ने किए हैं। वह सदियों तक के लिए इतिहास में दर्ज हो चुके हैं। मुझ जैसे अदने से व्यक्ति को संगठन में जो स्नेह, आदर और सम्मान मिला वो भी उन्हीं की देन है। आपको आत्म-सुधार की आवश्यकता है!  


उधर , मांझी गुरुवार को दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पार्टी की ताकत कार्यकर्ता होते हैं। वे नींव की ईंट की तरह हैं। समय बहुत कम रह गया है। एक-एक कार्यकर्ता को अपने-अपने बूथों पर जुट जाना है। वहीं, इससे पहले अधिवेशन की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार सुमन ने कहा कि बिहार में एनडीए सभी 40 लोकसभा की सीटों पर जीत हासिल करेगा। पार्टी का बिहार समेत देश के अन्य राज्यों में विस्तार हो रहा है। इसमें पार्टी के एक-एक कार्यकर्ता का तन-मन-धन लगा हुआ है।