Mokama murder case : दुलारचंद हत्याकांड में अनंत सिंह ने लिया सूरजभान का नाम; अब बाहुबली नेता ने दिया जवाब,कहा - उच्च स्तरीय जांच में हो जाएगा दूध का ढूध पानी का पानी Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में प्रत्याशियों के लिए कड़ी सुरक्षा, हर समय साथ रहेंगे पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर Bihar Election 2025: किसानों के लिए NDA ने खोला खजाना, अब 2 हजार के बदले मिलेंगे इतने रुपए Dularchand Yadav Murder : मोकामा में चुनावी झड़प के बीच दुलारचंद यादव की संदिग्ध मौत, पोस्टमार्टम के लिए खुद शव लेकर निकली सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी; पुलिस छावनी में तब्दील हुआ पूरा इलाका Bihar Crime News: जेल परिसर में फांसी के फंदे से लटका मिला बंदी का शव, जांच में जुटी पुलिस Dularchand Yadav Murder : दुलारचंद यादव हत्या मामले में अनंत सिंह नामजद, NDA नेताओं ने राजनीति में हिंसा की निंदा की NDA Manifesto : KG से PG तक मुफ्त शिक्षा; बिहार में एनडीए का चुनावी संकल्प पत्र जारी; नौकरी, हाइवे, मेट्रो समेत इन चीजों पर रहा खास फोकस Dularchand Yadav Murder : दुलारचंद हत्याकांड मामले में सामने आया सीनियर पुलिस ऑफिसर का बयान; जानिए अनंत सिंह को लेकर पटना SSP ने क्या कहा Success Story: 12वीं में फेल होने के बाद भी नहीं टूटा हौसला, UPSC परीक्षा पास कर बन गए IPS अधिकरी; जानिए सफलता की कहानी Bihar NDA Manifesto : बिहार चुनाव 2025: एनडीए का घोषणापत्र जारी, सस्ता भोजन, रोजगार और विकास पर जोर; पढ़िए क्या है अहम बातें
1st Bihar Published by: Updated Wed, 19 May 2021 08:12:12 AM IST
 
                    
                    
                    - फ़ोटो
SAHARSA : बिहार में कोरोना से मरने वालों के रिश्तेदारों की बेरुखी के कई किस्से देखने और सुनने को मिल रहे हैं. सहरसा जिले से एक भी ऐसा ही मामला सामने आया जहां कोरोना के खौफ से रिश्ते इतने बदल गए कि संक्रमित पति की मौत की जानकारी मिलने के बाद भी चार साल के बेटे के साथ मायके में रह रही पत्नी उसे देखने तक नहीं आई. इतना ही नहीं मृतक के शव का अंतिम संस्कार करने में भी काफी परेशानी आई.
घटना सोनबर्षा राज प्रखंड के बसनही थाना अंतर्गत रघुनाथपुर पंचायत के पामा गोदरामा गांव की है. मृतक कैलाश कामत का 25 वर्षीय पुत्र अमरीश कामत बताया जा रहा है. जानकारी के अनुसार, अमरीश की मौत बीते शनिवार की रात कोरोना संक्रमण से हो गई थी. मृतक के अंतिम संस्कार में प्रशासन व ग्रामीणों की मदद की बात तो दूर समाज के लोगों ने श्मशान घाट में शव को जलाने से मना कर दिया. गांव के लोगों ने पीड़ित परिवार को अंतिम संस्कार तक में अकेला छोड़ दिया.
आखिरकार घर के पीछे ही छोटी बहन ने मुखाग्नि की रस्म पूरी कर गड्ढा खोद शव को दफन कर दिया. घर में शव 24 घंटे से अधिक समय तक पड़ा रहा लेकिन कोरोना प्रोटोकॉल में सरकारी व्यवस्था के नाम पर अंतिम संस्कार की जगह पीएचसी प्रशासन द्वारा मृतक के घर पहुंच कर परिजनों को सिर्फ एक अदद पीपीई किट उपलब्ध कराया गया.
बता दें कि अमरीश कामत दूसरे प्रदेश में मजदूरी करता था. लॉकडाउन से ठीक पहले वह घर आया और कोरोना संक्रमित हो गया. घर में खाने के लिए अन्न भी नहीं था. कई दिनों से चूल्हा भी नहीं जला. वह तीन भाई और तीन बहनों में सबसे बड़ा था. जब उसकी मौत हुई तो दोनों छोटे भाई घर से बाहर थे. तीन बहन में दो शादीशुदा हैं. ऐसे में छोटी बहन 7 वर्षीय राधा कुमारी द्वारा ही मुखाग्नि देकर उसे दफनाया गया.