PATNA : भाजपा के सांसद राजीव प्रताप रूडी मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है। इनसे हाईकोर्ट ने जवाब तलब किया है। भाजपा सांसद पर आरोप है कि इनके बॉडीगॉर्ड रूडी के भाई और पत्नी को घर में नहीं घुसने देने का आरोप है। हाईकोर्ट ने इस मामले में सीआरपीएफ के डीजी, बिहार डीजीपी और खुद सांसद से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने सभी को एक सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया है।
दरअसल, न्यायमूर्ति डॉ. अंशुमान की एकलपीठ ने भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी के भाई सेवानिवृत्त एयर कमांडर रणधीर प्रताप की ओर से दायर आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है कि इस ममाले में सीआरपीएफ के डीजी, बिहार के डीजीपी और सांसद राजीव प्रताप रूडी एक सप्ताह के अंदर कोर्ट को यह जवाब देंगे कि आखिर इस घटना के पीछे की वजह क्या थी।
वहीं, इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट की वकील अपराजिता सिंह और धनंजय कुमार तिवारी ने कोर्ट को बताया कि आवेदक भारतीय वायुसेना से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। इनकी बेहतर सेवा पर केंद्र सरकार ने विशिष्ट सेवा मेडल दिया है, लेकिन उनकी मां का देहांत होने के बाद भाइयो में सम्पति को लेकर विवाद होने लगा।
इसके साथ ही आवेदक ने छपरा सिविल कोर्ट में बंटवारा केस भी दायर किया है। उनका कहना था कि सांसद के इशारे पर उनके सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ के जवान उन्हें एवं उनकी पत्नी को पुश्तैनी घर (अमनौर, छपरा) में प्रवेश करने से रोक दिया। जवानों ने उनके साथ अभद्र व्यवहार भी किया। इसकी शिकायत सीआरपीएफ के डीजी सहित सूबे के डीजीपी और सारण के एसपी से की गई, लेकिन कहीं से कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसके बाद अब उन्होंने अपने घर में प्रवेश करने एवं शांतिपूर्ण तरीके से घर में रहने की गुहार कोर्ट से लगाई। कोर्ट ने सभी अधिकारियों सहित सांसद को जबाबी हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया। इस मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को होगी।