बड़ी खबर- बीजेपी के नेताओं को फिर दिल्ली तलब किया गया, जेडीयू से नहीं बनी सीटों के तालमेल पर बात

 बड़ी खबर- बीजेपी के नेताओं को फिर दिल्ली तलब किया गया, जेडीयू से नहीं बनी सीटों के तालमेल पर बात

PATNA : जेडीयू-बीजेपी के बीट सीटों के बंटवारे पर जारी  गतिरोध के बीच बड़ी खबर सामने आ रही है. बीजेपी के आलाकमान ने अपने नेताओं को दिल्ली तलब कर लिया है. बीजेपी के दो प्रमुख नेता दिल्ली रवाना हो गये हैं.


आज देर शाम बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस और भूपेंद्र यादव दिल्ली रवाना हो गये हैं. चार्टर प्लेन से दोनों नेता दिल्ली रवाना हुए. बीजेपी सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक दिल्ली में अमित शाह और जेपी नड्डा के साथ देवेंद्र फडणवीस और भूपेंद्र यादव की बैठक होगी. उसी बैठक में जेडीयू से समझौते पर आखिरी फैसला किया जायेगा.


इससे पहले जेडीयू और बीजेपी के नेताओं के बीच लगभग चार घंटे तक चली बातचीत बेनतीजा रही. आज दोपहर जेडीयू नेता ललन सिंह, आरसीपी सिंह, विजय चौधरी और विजेंद्र यादव बीजेपी नेताओं के ठिकाने पर पहुंचे थे. वहां पहले से ही बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस और भूपेंद्र यादव मौजूद थे. बीजेपी के प्रदेश स्तर के कई और प्रमुख नेता भी वहां जमे थे. चार घंटे तक बंद कमरे में दोनो पार्टियों के नेताओं के बीच बातचीत चलती रही.


हालांकि बैठक के बाद दोनों पार्टियों में से किसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. लेकिन बीजेपी सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक सहमति नहीं बन पायी. न सीटों की संख्या पर न इस पर कि कौन सीट किसके हिस्से में जायेगी. जेडीयू अपने लिए बड़ा हिस्सा यानि ज्यादा सीटों की मांग पर अड़ा हुआ है. वहीं बीजेपी लोकसभा चुनाव की तर्ज पर बराबर-बराबर सीटों के बंटवारे पर कायम है.


सूत्रों के मुताबिक जेडीयू नेता आज पूरी तैयारी के साथ गये थे. वे 2005 से लेकर 2010 के चुनाव तक का उदाहरण दे रहे थे जब बीजेपी नीतीश कुमार के साथ चुनाव लड रही थी. विवाद वाली सीटों पर दावेदारी के पक्ष में भी जेडीयू नेताओं ने जातीय से लेकर सामाजिक आंकड़े दिये.


उधर बीजेपी भी पूरी तैयारी के साथ बैठी  थी. उसके बाद आंकड़े तैयार थे. लिहाजा चार घंटे की मैराथन बैठक के बाद भी नतीजा नहीं निकल पाया. हालांकि दोनों पार्टियां इस बात पर सहमत हुई कि बातचीत का सिलसिला जारी रहे.


दरअसल दोनों पार्टियां ये समझ रही हैं कि गठबंधन मजबूरी है. इसके बगैर दोनों में से कोई अपने दम पर चुनाव लड़ कर जीत नहीं सकती है. लिहाजा तालमेल तो करना ही होगा. लेकिन सवाल ये है कि कौन पीछे हटता है. ये देखना दिलचस्प होगा.