BHAGALPUR: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कर्मचारी ड्यूटी से गायब रहने का कोई बहाना नहीं बना सकते हैंं. चुनाव ड्यूटी से नाम हटाने के लिए कई तरह के पैरवी कराने का सिलसिला पुराना हैं, लेकिन इस बार यह पैरवी काम करने वाला नहीं है. अगर कोई कर्मचारी तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर ड्यूटी नहीं करने का बहाना बनाता है तो उसे बीमारी के बारे में सबूत देना पड़ेगा.
कोरोना का बहाना के लिए देना पड़ेगा सबूत
अगर कोई कर्मचारी कोरोना बीमारी और संक्रमित होने के बारे में बहाना बनाते हैं तो उनको कोरोना संक्रमित और अन्य बिमारियों के बारे में जानकारी देनी होगी. इसके अलावे उनके इलाज का पेपर पर भी दिखाना होगा. चुनाव ड्यूटी के दौरान कई तरह की परेशानी कर्मियों को होती है. जिसके कारण कर्मी ड्यूटी करने से बचना चाहते हैं.
अतिरिक्त कर्मचारियों की जरूरत
कोरोना संकट के कारण इस बार चुनाव में कर्मचारियों की अतिरिक्त जरूरत है. इसको लेकर भागलपुर में 26 हजार कर्मचारियों का डाटा प्रशासन ने तैयार किया है. इसमें से 15 हजार पुरुष में से 3160 को विभिन्न कोषांगों में डिपुट किया गया है. इसके अलावे 12 हजार पुरुष और 9 हजार से अधिक महिलाओं को चुनाव ड्यूटी के लिए पहले चरण में ट्रेनिंग दी जाएगी. तीन अक्टूबर से शुरू हो रही ट्रेनिंग के लिए 21 हजार 500 से अधिक कर्मियों का नियुक्ति पत्र उनके ऑफिस में भेजने का काम शुरू हो गया है. इसके अलावे 20 प्रतिशत कर्मियों की ड्यूटी रिजर्व में रखी जाएगी.