PATNA : देश में एक बार फिर से कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बिहार सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. सरकार की ओर से प्रतिदिन 20 हजार RT-PCR जांच करने का आदेश दिया गया है. बिहार स्वास्थ्य विभाग ने सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों को आरटीपीसीआर जांच की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया है.
बिहार में अन्य राज्यों के मुकाबले कोरोना संक्रमण की रफ़्तार काफी कम है. यहां मृत्यु दर भी कम है. जबकि कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की तादाद जुडा है. देश के अन्य राज्यों के मुकाबले बिहार अब तक कोरोना से लड़ने में ज्यादा सक्षम दिखाई दे रहा है. अभी राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में प्रतिदिन 13-14 हजार आरटीपीसीआर जांच हो रही है, जिसे लगभग डेढ़ गुना करने का टारगेट रखा गया है.
बिहार में कोरोना की दूसरी लहर को रोकने के लिए आरटीपीसीआर सहित अन्य जांच की प्रक्रिया को तेज किया गया है. ऐसा करने से संक्रमितों की पहचान कर उन्हें तुरंत आइसोलेट किया जा सकेगा और उनके संपर्क में आने वालों की पहचान कर उनकी भी जांच कराई जा सकेगी. ताकि संक्रमण को आगे बढ़ने से रोका जा सके. कोरोना की चेन तोड़ी जा सके.
इतना ही नहीं आरटीपीसीआर के अतिरिक्त ट्रू-नेट जांच की संख्या भी बढ़ाने की भी तैयारी है. फिलहाल 3400 संक्रमित मरीजों की जांच की जा रही है, जिसे बढ़ाकर 4400 करने की तैयारी है. आपको बता दें कि बिहार में प्रतिदिन एंटीजन जांच सहित एक लाख से अधिक कोरोना सैंपल की जांच की जा रही है. जबकि मंगलवार को 1.06 लाख सैंपल की जांच की गई.