PATNA : बिहार में अवैध ढंग से चल रहे पैथो लैब सेंटरों को लेकर पटना हाई कोर्ट अब सख्त हो गया है. उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से अद्यतन ब्यौरे की मांगा की है. चीफ जस्टिस संजय करोल व जस्टिस एस कुमार की खण्डपीठ ने इंडियन एसोसोयेशन ऑफ पैथोलोजिस्ट एंड माइक्रो - बायोलॉजिस्ट की ओर से दायर जनहित याचिका को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर सुनते हुए उक्त निर्देश दिया.
याचिकाकर्ता की तरफ से एडवोकेट शमशुल हौदा ने आरोप लगाया की बिहार में अभी भी हज़ारों की तादाद में अवैध पैथो लैब चल रहे हैं. जवाब में सरकारी अधिवक्ता प्रशांत प्रताप ने कोर्ट को बताया कि हाई कोर्ट के पिछले आदेशों के अनुपालन में राज्य सरकार ने जिलावार वैध एवम अवैध पैथोलोजिस्ट केंद्रों की सूची प्रकाशित कर हरेक सिविल सर्जन को अवैध सेंटरों के खिलाफ कारवाही करने का निर्देश दोया गया है. जनता को वैध पैथो सेंटरों से ही जाँच कराने हेतु रेडियो, अखबार और इंटरनेट के जरोये जागरूक करने का प्रयास किया गया है.
उन्होंने आगे बताया कि पूर्व में भी समय समय पर सरकार की तरफ से अवैध केंद्रों पर की गई कारवाही का ब्यौरा कोर्ट को प्रस्तुत किया गया है. इसी सिलसिले में बिहार एलाइड एंड हेल्थ केयर प्रोफेशनल कानून बनाने हेतु बिल ड्राफ्ट हो चुका है, जिसे सामान्य प्रशासन और विधि विभाग से मंजूरी मिल चुकी है और वर्तमान में वित्त विभाग के विचाराधीन है.
हाई कोर्ट ने इन सभी बिंदुओं के आलोक में भी राज्य सरकार से विस्तृत ब्यौरा मांगा है. इस मामले की अगली सुनवाई अगले महीने 22 दिसम्बर को होगी.