PATNA : आईपीएस विकास वैभव के नाम से ही बिहार में अपराधी थर्र-थर्र कांपते हैं। अब आतंकियों की खैर नहीं। विकास वैभव को आतंकवाद निरोधक दस्ता यानि ATS की कमान दी गयी है। विकास वैभव ATS के DIG बनाए गए हैं। विकास वैभव कुछ दिनों तक NIA (नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी) के एसएसपी का जिम्मा भी संभाल चुके हैं। वहीं उन्होनें साल 2013 में पटना के गांधी मैदान ब्लास्ट और उसके पहले बोधगया ब्लास्ट की तफ्तीश करने वाली टीम की अगुआई भी की थी।
बिहार के सबसे एक्टिव माने जाने वाले IPS अफसरों में शामिल विकास वैभव ने सासाराम के रोहतास फोर्ट से नक्सलियों को भगाकर वहां पहली बार तिरंगा फहराया था। जून 2015 में विकास वैभव ने बाहुबली विधायक अनंत सिंह को अरेस्ट करने में अहम भूमिका निभाई थी। तब वे पटना के एसएसपी थे।खास बात ये कि उन्होंने बाहुबली को अरेस्ट करने से एक दिन पहले ही पटना एसएसपी के रूप में पदभार ग्रहण किया था।एनआईए में रहते हुए IPS विकास वैभव कई आतंकी वारदातों की गुत्थियां सुलझा चुके हैं।
विकास वैभव की दूसरी खासियत है पुरातत्व के क्षेत्र में शोध भी कर रहे हैं। जब वे आईआईटी में थे, तब से ही पुरातत्व में रुचि रही।फिलहाल वे इंडस वैली सिविलाइजेशन पर काम कर रहे हैं।विकास वैभव बिहार में ऐसे चुनिंदे पुलिस अफसरों में से हैं, जो एक टीचर की तरह बच्चों को पढ़ाते भी हैं।वे चाणक्या लॉ नेशनल इंस्टीच्यूट में बतौर गेस्ट लेक्चरर और एक्सपर्ट स्टूडेंट्स को टेररिज्म सब्जेक्ट पढ़ाते हैं।वे आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रैजुएट हैं।विकास वैभव साइलेंट पेजेस नाम से ब्लॉग चलाते हैं, जिसमें वे कई ऐतिहासिक स्मारकों के बारे में लिखते हैं।उन्होंने अपने ब्लॉग पर ऐतिहासिक स्थानों की फोटोज डाली हैं। विकास वैभव ऐसे अफसर हैं जिनके नाम पर पश्चिम चंपारण के बगहा में एक चौराहे का नाम उनके नाम पर रखा गया है।