PATNA : बिहार में सेकेंड्री और हायर सेकेंड्री स्कूलों में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद खाली हैं. हाल ही केंद्र सरकार ने भी इस मामले में बिहार को पहले स्थान पर रखा था. देश भर में सबसे ज्यादा बिहार की शिक्षा व्यवस्था ख़राब है, यह केंद्र सरकार की रिपोर्ट बताती है. गुरूवार को शिक्षकों की बहाली को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. पटना उच्च न्यायालय ने इस मामले में नीतीश सरकार से जवाब मांगा है.
गुरूवार को पटना हाईकोर्ट में हुई सुनवाई में यह बात निकल कर सामने आई कि बिहार के सेकेंड्री और हायर सेकेंड्री स्कूलों में लगभग 34 हजार शिक्षकों के पद खाली हैं. जिसको लेकर नीतीश सरकार और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से जवाब मांगा गया है. कोर्ट ने कहा कि इस मामले को लेकर अगली सुनवाई 8 जनवरी 2021 को होगी.
आपको बता दें कि हाल ही में केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में शिक्षा व्यवस्था की स्थिति सबसे बदतर हो गई है. बिहार के सरकारी स्कूलों में देश भर की तुलना में शिक्षकों की सबसे अधिक सीटें खाली हैं. केन्द्र सरकार की ओर से जारी रिक्तियों के अनुसार पूरे देश मे 10 लाख 60 हजार 139 शिक्षकों के पद खाली हैं, जिसमें सर्वाधिक बिहार में 2 लाख 75 हजार 255 पद खाली हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये जानकारी खुद केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने लोकसभा में सांसद धर्मवीर सिंह द्वारा अतारांकित प्रश्न के जबाव में दिया था कि बिहार राज्य में शिक्षकों के कुल स्वीकृत 6,88,157 पद के विरुद्ध 2 लाख 75 हजार 255 पद खाली हैं. लेकिन आपको बता दें कि बिहार सरकार की ओर से सेकेंड्री और हायर सेकेंड्री स्कूलों में 94 हजार शिक्षकों का नियोजन होना है. इसकी प्रक्रिया चल रही है. बिहार के प्रारंभिक से लेकर प्लस टू स्कूलों में शिक्षकों के लगभग 1.24 लाख पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है.