SAHARSA: बिहार में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का दावा सरकार करती है लेकिन इसकी जमीनी हकीकत क्या है यह किसी से छिपी नहीं है। खुद स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव पीएमसीएच में जाकर देख चुके है। पिछले दिनों त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल, आरा सदर अस्पताल और बिहारशरीफ सदर अस्पताल की तस्वीर सामने आई थी। अब सहरसा के सोनवर्षा राज स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की तस्वीरें सामने आई है। जो अस्पताल की बदहाल स्थिति को बयां कर रहा है। यहां डॉक्टर साहब मच्छरदानी में सोए रहे और चौकीदार मरीज को स्लाइन चढ़ाता नजर आया। स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली की तस्वीरें आए दिन सामने आ रही है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव अक्सर पढ़ाई, दवाई, कमाई, सिंचाई, सुनवाई और कार्रवाई की बात करते हैं लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही दिखाई दे रही है। बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलती यह तस्वीर सहरसा से आई है। जो सोनवर्षा राज स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की है। तस्वीर में देख सकते हैं कि कैसे डॉक्टर साहब मच्छरदानी में खर्राटे मार रहे हैं और महिला मरीज को वहां का चौकीदार स्लाइन चढ़ा रहा है। जबकि स्लाईन चढ़ाने और सुई देने का काम ड्रेसर या एएनएम का है। लेकिन पीएचसी का चौकीदार यह काम कर रहा है। इस तस्वीर को देख कहा जा सकता है कि यहां भगवान भरोसे मरीजों का इलाज हो रहा है।
नगर पंचायत सोनवर्षा स्थित हनुमान टोला की रहने वाली डायरिया से पीड़ित 50 वर्षीया महिला शोभिया देवी को पीएचसी में भर्ती कराया गया था। उसकी हालत खराब थी। उसे सुई और स्लाईन लगाने वाला तक रात में कोई नहीं था। इस दौरान मरीज की स्थिति बिगड़ने लगी। मरीज के परिजनों ने हल्ला मचाया तो पीएचसी में तैनात चौकीदार मो० शाहबाज मरीज को स्लाईन लगाने पहुंच गया। स्लाइन लगाने का उसने प्रयास किया और उसमें सफल भी रहा। तभी काफी देर बाद एएनएम पहुंची और चौकीदार द्वारा लगाएं गए स्लाईन को देखा। फिर मरीज की स्थिति का जायजा लिया।
मिली जानकारी के मुताबिक पीएचसी में सिर्फ दिन मे ही ड्रेसर सह कम्पाउंडर उपलब्ध हैं। रात में गंभीर रूप से आने वाले पुरुष मरीजों का प्राथमिक उपचार दवा वितरक भूपेंद्र एवं उपाध्याय करते हैं। जबकि महिला मरीजों का प्राथमिक उपचार एएनएम करती हैं। विषम परिस्थिति में एम्बुलेंस पर तैनात ईएमटी भरत द्वारा रात को भर्ती मरीजों का प्राथमिक उपचार किया जाता है। जब चौकीदार मो. शाहबाज महिला मरीज को स्लाइन चढ़ा रहा था तब इस दौरान डॉक्टर मच्छरदानी के अंदर सोए थे। पीएचसी प्रभारी डॉ० लक्ष्मण ने बताया कि मामले की जानकारी मिली है जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि इससे पहले आरा सदर अस्पताल और त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल की तस्वीरें सामने आई थी। आरा के सदर अस्पताल में 10 साल की बच्ची का पोस्टमार्टम मोबाइल टॉर्च की रोशनी में किया गया तो वहीं सुपौल के त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल में भी डॉक्टर मोबाइल टॉर्च की रोशनी में मरीज का इलाज करते दिखे थे तब स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा हुआ था।
वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा के बिहारशरीफ सदर अस्पताल की भी तस्वीर सामने आई थी जहां वार्ड में कुत्ता भ्रमण करते और बैठा हुए नजर आया था। जबकि त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल में वार्ड तक लाने के लिए मरीज को स्ट्रेचर तक नसीब नहीं हुआ था। स्ट्रेचर नहीं रहने के कारण मरीज को कंधे पर टांग कर परिजन अस्पताल ले जाते दिखे थे।
बता दें कि बिहार के डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने बीते दिनों पीएमसीएच सहित तीन अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया था इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार की बात कही थी। पीएमसीएच, न्यू गार्डिनर अस्पताल और गर्दनीबाग अस्पताल का रात में निरीक्षण के दौरान उन्हें व्यवस्था में कमी दिखी वहां उन्होंने जमकर फटकार भी लगाई थी और सख्त कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया था। तेजस्वी यादव ने कहा था कि ऐसी व्यवस्था एक दम बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अब देखना यह होगा की बिहार की अन्य अस्पतालों की हालत पर स्वास्थ्य मंत्री क्या कुछ करते हैं कब तक वहां की व्यवस्था चुस्त और दुरुस्त हो पाएगी यह देखने वाली बात होगी।