DESK: कल बाबा रामदेव की संस्था पतंजलि ने कोरोना की दवा लॉन्च कर दिया था. लॉन्चिंग के दौरान कहा था कि कोरोना के 120 मरीजों पर इसका टेस्ट किया गया है. लेकिन हकीकत हैं कि जिन लोगों पर टेस्ट किया गया उनको कोरोना था ही नहीं. सिर्फ उनको हल्का लक्षण ही था.
इसको भी पढ़ें: सर्दी-खांसी का लाइसेंस लेकर बनाया कोरोना का दवा, जिस जगह पर टेस्टिंग का दावा किया वहां कोरोना के मरीज ही नहीं थे
आयुष मंत्रालय के दिए रिसर्च पेपर से खुलासा
पतंजलि की दवा कोरोनिल के प्रचार पर रोक के बाद पतंजलि की और से आयुष मंत्रालय में रिसर्च पेपर दाखिल किया है. पेपर के अनुसार बताया गया है कि दवा की टेस्ट ऐसे मरीजों पर किया गया. जिसमें सिर्फ लक्षण काफी कम थे. जिन लोगों पर टेस्ट किया गया उनकी उम्र 15-80 साल की थी. इसका क्निकल ट्रायल जयपुर में किया गया था.
बता दें कि मंगलवार को बाबा रामदेव और उनकी संस्था पतंजलि मंगलवार को दिन भी सुर्खियों में रही. दावा किया था कि उन्होंने कोरोना का दवा बना लिया है. बकायदा इसको लेकर पीसी किया और दवा को लॉन्च कर दिया था. लेकिन शाम को आयुष मंत्रालय ने इसके प्रचार पर रोक लगा दी और इस दवा के बारे में जानकारी मांगी. जिसके बाद उनकी संस्था ने आज रिपोर्ट आयुष मंत्रालय को दिया. जिसमें यह बड़ा खुलासा हुआ है.