PATNA : बिहार में आरजेडी के सत्ताधारी दल बनने के बाद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव लगातार एक-एक कदम सोच-समझकर आगे बढ़ा रहे हैं। तेजस्वी यादव ने आरजेडी को लेकर जनमानस में जो छवि रही है, उसको बदलने की हर संभव कोशिश की है नई सरकार के गठन के बाद कल यानी 24 अगस्त को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है और इसी सत्र के ठीक पहले आज शाम तेजस्वी यादव की अध्यक्षता में आरजेडी विधानमंडल दल की बैठक होगी। 10 सर्कुलर स्थित आवास पर शाम 7 बजे से आरजेडी विधानमंडल दल की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक को ना केवल विधानसभा सत्र बल्कि आरजेडी की सत्ता वापसी के नजरिए से भी बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम बनने के बाद पहली बार अपनी पार्टी के विधायकों और विधान पार्षदों को संबोधित करने वाले हैं।
राष्ट्रीय जनता दल के शासनकाल को लेकर बीजेपी हमेशा जंगलराज की याद दिलाते रही है। ऐसे में तेजस्वी यादव के लिए सबसे बड़ी चुनौती इस छवि से निकलकर लोगों के बीच आरजेडी की पुरानी इमेज को ना केवल तोड़ना है बल्कि नई और साफ-सुथरी इमेज क्रिएट करना भी एक चैलेंज है। तेजस्वी यादव इस बात को बखूबी समझते हैं। यही वजह है कि उन्होंने अपनी पार्टी के सत्ताधारी दल बनते ही तमाम नेताओं कार्यकर्ताओं और मंत्रियों के लिए गाइडलाइन जारी कर यह बताया कि कैसे सामने वाले के साथ सम्मान से पेश आना है। यादव ने मंत्रियों से यह भी अपील कर दी कि वह बुके आज गुलदस्ते से अपना स्वागत ना करें बल्कि कलम और किताब के साथ स्वागत वाले कल्चर को डेवलप करें। 2015 में तेजस्वी यादव जब पहली बार डिप्टी सीएम बने थे तो उस वक्त उनमें अनुभव की कमी झलकती थी। लेकिन इस बार तेजस्वी पहले से ज्यादा संजीदा दिख रहे हैं। वह सरकार में आने के बाद अपनी जवाबदेही भी ले रहे हैं और आवश्यक दिशा निर्देश भी दे रहे हैं।
आज होने वाली आरजेडी विधानमंडल दल की बैठक में एक तरफ तेजस्वी यादव जहां विधानसभा सत्र के अंदर रणनीति को लेकर चर्चा करेंगे तो वही विधायकों और विधान पार्षदों को इस बात का एहसास भी कराएंगे कि पार्टी के लिए सत्ताधारी होना अहंकार का विषय ना बने। यादव विधायकों और विधान पार्षदों को बताएंगे कि कैसे जनता के साथ जुड़े रहना है। सरकार में आने के बाद उनकी जवाबदेही और जिम्मेदारी कैसे बढ़ गई है। जनता के बीच रहना उनसे संवाद कायम करना सत्ता के अहंकार से दूर रहना इन तमाम मंत्रों के साथ तेजस्वी आज संवाद करने वाले हैं।