PATNA : नागरिकता संशोधन विधेयक पर केन्द्र सरकार का समर्थन कर सीएम नीतीश कुमार चौतरफा घिरते दिख रहे हैं। अब पार्टी के बड़ा मुस्लिम चेहरा और विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी ने 'लेटर बम' फोड़ा है।
बलियावी ने नागरिक संशोधन बिल पर पार्टी के स्टैंड पर विरोध करते हुए कहा कि नीतीश कुमार और जेडीयू ने जो निर्णय लिया है उसे गंभीरता से पुनर्विचार करने की आग्रह करता हूं। उन्होंने कहा कि पूरे देश और विशेषकर बिहार झारखंड बंगाल एवं असम से आम लोगों को बराबर दबाव आ रहा है कि आपके नेता की पहचान सही को सही और गलत को गलत करने की रही है।
उन्होनें कहा कि चाहे वह बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि मामला हो तीन तलाक मामला, धारा 370 या फिर एनआरसी जैसे मामले हो हर मामले में नीतीश कुमार की पहचान भारतीय नागरिकों को मिले संविधान प्रदत अधिकारों के साथ खड़े रहने की है।
बता दें कि पार्टी के अंदर ही विरोध का सिलसिला बढ़ते चला जा रहा है। अब नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ जनता दल यूनाइटेड के कार्यकर्ताओं ने जंतर मंतर पर उग्र प्रदर्शन किया है। प्रदर्शनकारियों ने नागरिकता बिल की कॉपी फाड़ी साथ ही प्रदर्शनकारियों ने जेडीयू कार्यालय में तोड़-फोड़ की है। प्रदर्शनकारियों ने सीएम नीतीश कुमार को धोखेबाज बताया, साथ ही कहा कि उन्होंने मुस्लिमों के नाम पर वोट मिला लेकिन जब मुस्लिमों के समर्थन की बात आई तो उन्होंने नागरिकता संशोधन बिल को समर्थन दे दिया।
पार्टी के उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पार्टी के इस फैसले को निराशाजनक बताया है।प्रशांत किशोर ने ट्वीट के जरिए अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने लिखा, "नागरिकता संशोधन विधेयक पर जद (यू) के समर्थन से निराशा हुई है। यह विधेयक धर्म के आधार पर नागरिकता प्रदान करने वाला है, जो भेदभावपूर्ण है।"प्रशांत किशोर यहीं नहीं रुके. उन्होंने पार्टी पर भी निशाना साधते हुए आगे लिखा, "जद (यू) के द्वारा नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन पार्टी के संविधान से भी अलग है, जिसमें पहले ही पन्ने पर धर्मनिरपेक्षता शब्द तीन बार लिखा हुआ है।" वहीं पार्टी महासचिव पवन वर्मा ने भी बिल के समर्थन पर पुनर्विचार की मांग की है।