SAHARSA: यूक्रेन पढ़ाई कर रही सहरसा की बिटिया आतका खुर्शीद मंगलवार को अपने घर पहुंची। यूक्रेन से घर लौटन के लिए उसे अपने सीनियर से 50 डॉलर कर्ज लेने पड़े। सहरसा घर पहुंचकर वो काफी खुश नजर आईं। सहरसा के डीएम और एसपी ने बुके देकर आतका का स्वागत किया। डीएम आनंद शर्मा ने बताया कि यूक्रेन में सहरसा के 8 छात्रों के होने की सूचना मिली है। भारतीय विदेश सेवा के अधिकारियों के लगातार संपर्क किया जा रहा हैं ताकि उन्हें सुरक्षित सहरसा लाया जा सके।
यूक्रेन से घर आई आतका खुर्शीद ने बताया कि यूक्रेन में अभी भी सहरसा के 8 छात्र फंसे हुए हैं। आतका कहती है कि वो पश्चिमी सीमा पर स्थित मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही थी। वो हंगरी बॉर्डर के रास्ते भारत लौटी हैं। वहां बम और मिसाइल को गिरते नहीं देखा। लेकिन हवा में मिसाइल और बम को उड़ते हुए देखा है। कीव और पूर्वी बॉर्डर पर स्थित मेडिकल यूनिवर्सिटी के छात्र- छात्राओं की जान संकट में है। भारतीय दूतावास और भारत सरकार रोमानिया, पोलैंड, स्लोवाकिया और हंगरी बॉर्डर से छात्रों को लेकर भारत आ रही है। लेकिन जो छात्र कीव में फंसे हैं उनकी जान संकट में फंसी हुई है।
आतका खुर्शीद ने बताया कि भारत सरकार को कीव में फंसे छात्र-छात्राओं को निकालने के लिए त्वरित प्रयास करना चाहिए। यूक्रेन में अब तक 14 छात्रों की मौत हो चुकी है। जिनमें तीन इंडियन स्टूडेंट थे। छात्रों को बंकर में रखा गया है। बंकर में भी एक छात्र की ठंड से मौत हो चुकी है। बंकर में खाने- पीने की काफी दिक्कत है। क्योंकि रसोइयां वहां से भाग चुका है। भारतीय छात्रों को लाने के लिए भारत सरकार खर्च नहीं ले रही है। उससे भी नहीं लिया गया। लेकिन यूक्रेन में उससे 50 डॉलर चार्ज किया गया। उसके पास पैसे नहीं थे।
आतका खुर्शीद कहती हैं कि वहां खाने-पीने की चीजों के दाम काफी बढ़े हुए हैं। उसे अपने एक सीनियर से 50 डॉलर कर्ज लेना पड़ा है। इसके बाद वो बस में खड़े- खड़े यात्रा कर हंगरी बॉर्डर पहुंची। सुरक्षित घर पहुंचने पर आतका ने इंडियन गवर्मेंट के प्रति आभार व्यक्त किया। उधर आतका के घर लौटने पर सहरसा के डीएम आनंद शर्मा और एसपी लिपि सिंह ने उससे मुलाकात की। आतका को बुके देकर स्वागत किया। जिलाधिकारी आनंद शर्मा ने बताया कि यूक्रेन में सहरसा के 8 छात्रों के होने की सूचना मिली है। कुछ रोमानिया और कुछ पोलैंड बॉर्डर पर हैं। भारतीय विदेश सेवा के अधिकारियों के संपर्क किया जा रहा हैं ताकि उन्हें सुरक्षित सहरसा लाया जा सके।