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Bihar Election 2025 : बड़ी खबर : वोटिंग से पहले ही सहनी के कैंडिडेट का क्लीन बोल्ड, इस सीट से हुआ नामांकन रद्द; चिराग को मिल सकती है बड़ी सफलता

सुगौली विधानसभा में बड़ा राजनीतिक उलटफेर! नामांकन जांच में गड़बड़ी के कारण वीआईपी प्रत्याशी व राजद विधायक शशि भूषण सिंह समेत पांच उम्मीदवारों का नामांकन रद्द, जिससे चुनावी समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 21 Oct 2025 01:44:07 PM IST

Bihar Election 2025 :  बड़ी खबर : वोटिंग से पहले ही सहनी के कैंडिडेट का क्लीन बोल्ड, इस सीट से हुआ नामांकन रद्द; चिराग को मिल सकती है बड़ी सफलता

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Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण से ठीक पहले पूर्वी चंपारण जिले के सुगौली विधानसभा क्षेत्र में बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया है। सोमवार को नामांकन पत्रों की जांच के दौरान पांच प्रत्याशियों के कागजात में गड़बड़ी पाई गई, जिसके चलते उनके नामांकन रद्द कर दिए गए। इनमें सबसे बड़ा नाम महागठबंधन के घटक दल वीआईपी पार्टी के प्रत्याशी और वर्तमान राजद विधायक शशि भूषण सिंह का है। उनके नामांकन रद्द होते ही पूरे जिले की राजनीतिक फिज़ा बदल गई है और सुगौली सीट का चुनावी मुकाबला नया मोड़ ले चुका है।


चुनाव पदाधिकारी श्वेता भारती (सदर एसडीओ सह निर्वाचन पदाधिकारी) ने जानकारी दी कि नामांकन पत्रों की जांच के दौरान कई उम्मीदवारों के दस्तावेज़ अधूरे पाए गए। कुछ प्रत्याशियों के शपथ पत्र खाली थे तो कुछ के प्रस्तावकों की संख्या निर्धारित मानक से कम पाई गई। निर्वाचन नियमों के तहत इन तकनीकी खामियों को गंभीर माना गया और संबंधित प्रत्याशियों के नामांकन को अमान्य कर दिया गया। रद्द किए गए प्रत्याशियों में शशि भूषण सिंह, सदरे आलम, ओमप्रकाश, कृष्ण मोहन झा और गयासुद्दीन शामिल हैं।


शशि भूषण सिंह का नामांकन रद्द होने से महागठबंधन को बड़ा झटका लगा है। वे इस क्षेत्र से पहले भी विधायक रह चुके हैं और इस बार वीआईपी पार्टी के टिकट पर मैदान में थे। उनके चुनाव मैदान से बाहर हो जाने से एनडीए समर्थित लोजपा (रामविलास) प्रत्याशी राजेश कुमार उर्फ बबलू गुप्ता के लिए मुकाबला आसान माना जा रहा है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि अब सुगौली सीट पर एनडीए के लिए जीत का रास्ता काफी हद तक खुल गया है, क्योंकि महागठबंधन का मजबूत उम्मीदवार अब मैदान से बाहर हो गया है।


हालांकि, यह भी सच है कि बिहार की राजनीति में समीकरण कभी स्थायी नहीं रहते। महागठबंधन खेमे में इस घटना के बाद नई रणनीति बनाने की कवायद शुरू हो चुकी है। वीआईपी पार्टी अब किसके समर्थन में उतरती है इस पर सबकी निगाहें टिकी हैं। अगर वीआईपी किसी दूसरे गठबंधन या निर्दलीय उम्मीदवार को समर्थन देती है, तो मुकाबले में एक बार फिर उलटफेर देखने को मिल सकता है।


सुगौली विधानसभा क्षेत्र में यह घटनाक्रम अचानक तब हुआ जब चुनावी माहौल चरम पर था। नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी और सभी दल प्रचार की तैयारी में जुटे थे। ऐसे में वीआईपी प्रत्याशी का नामांकन रद्द होना महागठबंधन के लिए न केवल झटका है, बल्कि इससे एनडीए खेमे का मनोबल भी बढ़ गया है। स्थानीय स्तर पर लोजपा (रामविलास) कार्यकर्ता इस खबर के बाद जश्न के मूड में दिखे और कई जगहों पर मिठाई बांटकर खुशी जताई गई।


सुगौली क्षेत्र में अब माहौल पूरी तरह बदल गया है। आम मतदाताओं में चर्चा है कि अब चुनाव किस दिशा में जाएगा। महागठबंधन के कार्यकर्ता जहां नई रणनीति बनाने में जुटे हैं, वहीं एनडीए खेमे के उम्मीदवार लगातार जनसंपर्क अभियान को तेज कर रहे हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि आने वाले कुछ दिनों में वीआईपी पार्टी के फैसले पर बहुत कुछ निर्भर करेगा — अगर वे किसी स्वतंत्र उम्मीदवार को समर्थन देती हैं या खुद नया उम्मीदवार उतारती हैं, तो मुकाबला फिर से रोचक बन सकता है।

बहरहाल, सुगौली विधानसभा में शशि भूषण सिंह का नामांकन रद्द होना बिहार चुनाव के पहले चरण की सबसे बड़ी खबरों में से एक बन गई है। इस घटना ने जहां एनडीए को नया उत्साह दिया है, वहीं महागठबंधन को रणनीति के स्तर पर नई चुनौती पेश कर दी है। अब देखना दिलचस्प होगा कि वीआईपी पार्टी आने वाले दिनों में कौन-सा कदम उठाती है और यह निर्णय सुगौली के चुनावी रण पर क्या असर डालता है।