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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 19 Oct 2025 06:56:51 AM IST
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, सियासी गलियारों में हलचल और भी तेज होती जा रही है। राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों के नामों की घोषणाएं जारी हैं, तो वहीं अब सिनेमा जगत से भी राजनीति में उतरने की कवायद शुरू हो चुकी है। इसी बीच भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री से एक बड़ी खबर सामने आई है। भोजपुरी सिनेमा के ‘पावर स्टार’ कहे जाने वाले पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।
निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतरेंगी ज्योति सिंह
ज्योति सिंह ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता के दौरान यह घोषणा की कि वह किसी भी राजनीतिक दल के टिकट पर नहीं, बल्कि निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने अपनी कर्मभूमि के रूप में काराकाट विधानसभा क्षेत्र को चुना है। ज्योति सिंह का यह फैसला इस विधानसभा सीट के राजनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव ला सकता है। काराकाट सीट रोहतास जिले की एक अहम और चर्चित सीट मानी जाती है। इस क्षेत्र में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दोनों ही राजनीतिक दलों का गहरा प्रभाव रहा है। लेकिन अब निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में एक चर्चित चेहरा मैदान में उतरने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है।
20 अक्टूबर को दाखिल करेंगी नामांकन
ज्योति सिंह ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह आगामी 20 अक्टूबर को अपना नामांकन पर्चा दाखिल करेंगी। उनके इस ऐलान के बाद राजनीतिक दलों में हलचल तेज हो गई है। अब तक इस सीट पर प्रमुख दलों के उम्मीदवारों के बीच ही मुकाबला माना जा रहा था, लेकिन ज्योति सिंह के मैदान में उतरने से अब तीन-कोने या चार-कोने वाला मुकाबला बनने की संभावना है।
पवन सिंह की लोकप्रियता से फायदा उठाने की रणनीति
भोजपुरी फिल्म जगत में पवन सिंह का नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं है। ज्योति सिंह उनके नाम और लोकप्रियता का लाभ अपने चुनावी अभियान में उठाना चाहती हैं। उनके समर्थकों का मानना है कि पवन सिंह की फैन फॉलोइंग और ज्योति सिंह की अपनी महिला समर्थक छवि उन्हें मजबूत उम्मीदवार बना सकती है। ग्रामीण इलाकों में भोजपुरी कलाकारों की लोकप्रियता काफी ज्यादा होती है, और इसी कारण ज्योति सिंह के चुनाव में उतरने से बड़े-बड़े राजनीतिक दलों की रणनीति पर भी असर पड़ सकता है।
बदलेंगे काराकाट के राजनीतिक समीकरण
काराकाट सीट पर पारंपरिक तौर पर दो से तीन दलों के बीच ही सीधा मुकाबला देखने को मिलता रहा है। लेकिन इस बार ज्योति सिंह के उतरने से मतदाताओं के सामने एक नया विकल्प होगा। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि ज्योति सिंह भले ही निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रही हैं, लेकिन उनकी उपस्थिति से वोटों का ध्रुवीकरण प्रभावित होगा। इससे स्थापित उम्मीदवारों की जीत की राह मुश्किल हो सकती है।
जनता के मुद्दों को बनाएंगी चुनावी एजेंडा
ज्योति सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी कहा कि वह राजनीति में सत्ता के लिए नहीं, बल्कि जनसेवा के उद्देश्य से आ रही हैं। उन्होंने कहा कि काराकाट क्षेत्र में विकास की कई संभावनाएं हैं, लेकिन अब तक उन्हें नजरअंदाज किया गया है। उनका फोकस महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और बेरोजगारी जैसी समस्याओं को हल करने पर होगा। उन्होंने कहा कि वह क्षेत्र की जनता के बीच लगातार संपर्क में रहेंगी और जनता की बात को विधानसभा तक पहुंचाएंगी।
निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनौती और अवसर दोनों
राजनीति में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ना एक बड़ी चुनौती होती है। ज्योति सिंह को न तो किसी पार्टी का सिंबल मिलेगा और न ही संगठनात्मक मशीनरी का साथ। लेकिन वहीं दूसरी ओर, निर्दलीय होने के नाते उन्हें जनता से सीधा संवाद और अपनी बात बिना किसी राजनीतिक दबाव के रखने का मौका भी मिलेगा। अगर वह अपने व्यक्तिगत करिश्मे और जनसंपर्क के जरिए मतदाताओं को जोड़ने में सफल होती हैं, तो वह बड़ी ताकत बन सकती हैं।
राजनीतिक दलों के लिए नई मुश्किल
ज्योति सिंह के मैदान में उतरने से काराकाट सीट पर मुख्य राजनीतिक दलों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। यह सीट पहले से ही कई दिग्गज नेताओं की महत्वाकांक्षाओं का केंद्र रही है। अब एक चर्चित चेहरे के उतरने से मुकाबला नजदीकी हो सकता है और कई दलों को अपनी रणनीति बदलनी पड़ सकती है। उनके निर्दलीय लड़ने से वोटों का एक बड़ा हिस्सा पारंपरिक दलों से खिसक सकता है।
20 अक्टूबर पर टिकी निगाहें
अब सारी निगाहें 20 अक्टूबर पर टिकी हैं, जब ज्योति सिंह आधिकारिक रूप से अपना नामांकन दाखिल करेंगी। इसके बाद उनके चुनाव प्रचार अभियान की रूपरेखा भी सामने आ सकती है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े चेहरों की लोकप्रियता को नकारा नहीं जा सकता और बिहार की राजनीति में मनोरंजन जगत से जुड़ी हस्तियों का असर पहले भी देखा गया है।
ज्योति सिंह के निर्दलीय चुनाव लड़ने के फैसले से काराकाट विधानसभा सीट पर सियासी मुकाबला अब और भी रोमांचक हो गया है। मतदाता किसे अपना समर्थन देंगे, यह तो परिणाम के दिन पता चलेगा, लेकिन इतना तय है कि इस सीट पर मुकाबला अब पहले से कहीं ज्यादा दिलचस्प और कड़ा होने जा रहा है।