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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 25 Oct 2025 09:43:49 AM IST
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Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मधेपुरा जिले के शिक्षा विभाग ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई की है। सिंहेश्वर प्रखंड के सुखासन चकला स्थित अनुग्रह उच्च माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत शिक्षक अमलेश कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। विभाग ने बताया कि अमलेश कुमार पर आरोप है कि उन्होंने एक राजनीतिक दल के पक्ष में प्रचार-प्रसार किया, नेताओं के साथ तस्वीरें साझा कीं और सोशल मीडिया पर पक्षपातपूर्ण टिप्पणियां कीं। यह कार्रवाई बिहार सरकारी सेवक नियमावली 2005 के तहत की गई है।
जांच में पाया गया कि अमलेश कुमार ने राजनीतिक दल के नेताओं के साथ अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर तस्वीरें साझा की और उनके पक्ष में टिप्पणियां कीं। शिक्षा विभाग ने इसे आदर्श आचार संहिता का गंभीर उल्लंघन तथा शिक्षक आचरण एवं विभागीय नियमों के खिलाफ माना। विभाग ने ऐसे कृत्यों को गंभीरता से लेते हुए त्वरित निलंबन का आदेश जारी किया।
निलंबन अवधि में अमलेश कुमार को प्रखंड संसाधन केंद्र सिंहेश्वर मुख्यालय में रखा गया है। इस दौरान उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता प्रदान किया जाएगा। इसके साथ ही उनके खिलाफ आरोप पत्र भी जारी किया गया है, जिसके आधार पर आगे विभागीय कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया कि चुनावी प्रक्रिया में आदर्श आचार संहिता का पालन सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य है।
विभाग ने कहा कि शिक्षक जैसे जिम्मेदार पद पर कार्यरत व्यक्ति से इस प्रकार का आचरण अपेक्षित नहीं है। अमलेश कुमार का यह कृत्य न केवल आचार संहिता का उल्लंघन है बल्कि शिक्षक समुदाय की गरिमा को भी प्रभावित करता है। निलंबन के साथ ही उनके खिलाफ गहन जांच शुरू कर दी गई है। यदि आरोप सिद्ध होते हैं तो उन्हें बड़ी विभागीय कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
इस घटना के बाद अन्य सरकारी कर्मचारियों को भी चेतावनी दी गई है कि वे निर्णय लेने और निष्पक्ष रहने में कोई कमी न बरतें और किसी भी राजनीतिक गतिविधि में शामिल न हों। जिला शिक्षा विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिया कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विशेष रूप से शिक्षकों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने आचरण से समाज में एक आदर्श प्रस्तुत करें।
जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी तरनजोत सिंह ने कहा कि सभी सरकारी सेवकों, राजनीतिक दलों, अभ्यर्थियों और आमजनों को आदर्श आचार संहिता का पालन करना अनिवार्य है। इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने सभी सरकारी कर्मचारियों को सतर्क कर दिया है कि वे अपने कर्तव्यों का पालन पूरी निष्ठा और निष्पक्षता के साथ करें।
मधेपुरा में यह मामला साफ संदेश देता है कि चुनावी समय में सरकारी कर्मचारियों का निष्पक्ष और जिम्मेदार व्यवहार अनिवार्य है। विभाग की त्वरित कार्रवाई और गहन जांच से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी प्रकार का आचार संहिता उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों के लिए यह एक सख्त चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है कि उनके पद और जिम्मेदारी के अनुसार आचरण आवश्यक है।