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Bihar Assembly Election 2025 : चिराग पासवान का बड़ा खुलासा,कहा - इस वजह से 2020 में CM नीतीश के खिलाफ दिया था कैंडिडेट,BJP को लेकर भी कही यह बात

चिराग पासवान ने कहा, 2025 बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा (रामविलास) पहली बार नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने के लिए चुनाव लड़ रही है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 20 Oct 2025 09:16:20 AM IST

Bihar Assembly Election 2025 : चिराग पासवान का बड़ा खुलासा,कहा - इस वजह से 2020 में CM नीतीश के खिलाफ दिया था कैंडिडेट,BJP को लेकर भी कही यह बात

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Bihar Assembly Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच सियासी बयानबाजी का दौर तेज हो गया है। हर दिन नए गठबंधन, नए समीकरण और नए बयानों से बिहार की राजनीति में हलचल मची हुई है। इसी बीच लोजपा (रामविलास) के सुप्रीमो और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने एक इंटरव्यू में कई अहम बातें कहीं। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पहली बार उनकी पार्टी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने के लिए चुनाव लड़ रही है।


चिराग पासवान ने कहा कि इस बार बिहार में चुनावी माहौल सकारात्मक और सहज है। उन्होंने कहा, “मेरी इसमें ईमानदार भूमिका रहना जरूरी है। हम लोग एक खुशनुमा और सहज माहौल में चुनाव में जा रहे हैं। इस बार के चुनाव में 2020 की कोई परछाई तक नहीं है।” उन्होंने यह भी साफ किया कि इस बार का चुनाव पूरी तरह से विकास, विश्वास और स्थिरता पर केंद्रित है।


2020 की गलती अब नहीं दोहराऊंगा: चिराग पासवान

इंटरव्यू के दौरान जब उनसे पूछा गया कि 2020 के चुनाव में उन्होंने नीतीश कुमार के खिलाफ उम्मीदवार क्यों उतारे थे, तो उन्होंने खुलकर जवाब दिया। चिराग ने कहा कि “2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में मेरे पास महागठबंधन में शामिल होने का भी विकल्प था, लेकिन मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति समर्पित था। मैं गठबंधन छोड़ने के बाद भी बीजेपी के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतार सकता था। ऐसे में जेडीयू के खिलाफ उम्मीदवार उतारने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था।”


उन्होंने स्वीकार किया कि उस चुनाव में नीतीश कुमार को नुकसान हुआ था, और उसी वजह से मुख्यमंत्री का गुस्सा वाजिब था। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि अब उनके और नीतीश कुमार के बीच सारे मतभेद खत्म हो चुके हैं। चिराग ने कहा, “अब मेरे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच सब कुछ सुलझ गया है। आज हम एक साथ हैं और एक बेहतर बिहार के लिए काम कर रहे हैं।”


‘मोदी के प्रति मेरी निष्ठा अटूट थी’

2020 के चुनाव को लेकर चिराग ने यह भी खुलासा किया कि उस समय उनकी प्राथमिकता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति निष्ठा निभाना थी। उन्होंने कहा, “मैं मोदी जी के प्रति इतना समर्पित था कि किसी भी परिस्थिति में उनके खिलाफ नहीं जा सकता था। इसीलिए उस समय महागठबंधन का प्रस्ताव ठुकरा दिया।”


उन्होंने आगे कहा कि राजनीति में विचारों का मतभेद हो सकता है, लेकिन किसी के प्रति व्यक्तिगत कटुता नहीं रखनी चाहिए। नीतीश कुमार से आज उनके रिश्ते सहज हैं और दोनों का लक्ष्य बिहार के विकास के लिए साथ काम करना है।


चाचा पशुपति पारस से संबंधों पर बोले चिराग

इंटरव्यू में जब उनसे उनके चाचा पशुपति कुमार पारस से संबंधों को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने भी इस पर खुलकर बात की। चिराग ने कहा, “2020 में मेरे लिए एनडीए में बने रहना संभव नहीं था। मेरी पार्टी ने गठबंधन छोड़ने का फैसला लिया था। उस समय हालात ऐसे थे कि मुझे अकेले चुनाव लड़ने का ही रास्ता दिख रहा था।”


उन्होंने कहा कि अब शायद उनके चाचा पशुपति पारस को यह एहसास हुआ होगा कि जब कोई राजनीतिक दल गठबंधन में पूरी तरह घिर जाता है, तो उसके पास अपने फैसले लेने की स्वतंत्रता नहीं बचती। चिराग ने कहा, “ऐसे समय में आपके पास अकेले चुनाव लड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता। मुझे उस समय जो सही लगा, मैंने वही किया।”


2025 का चुनाव: नए समीकरण, नया चेहरा

चिराग पासवान के इस बयान ने बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। जहां 2020 में वह नीतीश कुमार के प्रखर विरोधी माने जाते थे, वहीं 2025 में वह उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की खुली वकालत कर रहे हैं। यह बदलाव न सिर्फ एनडीए के भीतर नई एकजुटता का संकेत है, बल्कि यह भी दिखाता है कि आने वाले चुनाव में सीटों से ज्यादा साझा नेतृत्व और स्थिरता को प्राथमिकता दी जा रही है।


राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, चिराग पासवान का यह बयान एनडीए के लिए बड़ा सकारात्मक संकेत है। इससे यह संदेश जा रहा है कि अब एनडीए में कोई अंदरूनी खींचतान नहीं है और सभी दल एकजुट होकर चुनाव में उतर रहे हैं।


‘विकास और सम्मान का बिहार’ लक्ष्य

चिराग पासवान ने इंटरव्यू के अंत में कहा कि उनका लक्ष्य अब सिर्फ चुनाव जीतना नहीं, बल्कि बिहार को “विकास और सम्मान का राज्य” बनाना है। उन्होंने कहा, “मेरे पिता रामविलास पासवान का सपना था कि बिहार का हर नौजवान, किसान और गरीब सम्मान के साथ जिए। मैं उसी दिशा में काम कर रहा हूं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बिहार में विकास की नई गाथा लिखी जाएगी, और नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य स्थिरता और सुशासन की दिशा में आगे बढ़ेगा।


बहरहाल, चिराग पासवान का यह बयान बिहार की राजनीति में नया संदेश देता है — जहां पुरानी कड़वाहट खत्म होकर सहयोग और समर्पण की भावना दिख रही है। पहली बार लोजपा (रामविलास) नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनाने की दिशा में चुनाव लड़ रही है। अब देखना दिलचस्प होगा कि यह नया समीकरण बिहार की जनता को कितना प्रभावित करता है और 2025 के नतीजे क्या नई तस्वीर पेश करते हैं।