1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 16 Oct 2025 12:23:05 AM IST
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BIHAR ELECTION: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीति के गलियारों में लगातार हलचल बनी हुई है। ऐसे में अभी की सबसे बड़ी खबर यह है कि राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को भाजपा से केवल छह विधानसभा सीटें ही नहीं, बल्कि एक विधान परिषद की सीट भी देने का डील फाइनल किया गया है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एनडीए गठबंधन के प्रमुख सहयोगी रालोमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के साथ विस्तृत वार्ता की। इस वार्ता का मुख्य उद्देश्य बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सीटों का संतुलित वितरण और गठबंधन को मजबूत करना था। इस बातचीत में तय हुआ कि राष्ट्रीय लोक मोर्चा बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कुल छह सीटों पर उम्मीदवार उतारेगा।
इसके साथ ही, भाजपा ने रालोमो को एक विधान परिषद की सीट देने की भी घोषणा की। भाजपा की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि यह फैसला गठबंधन को और मजबूत बनाने और राज्य में राजनीति एनडीए की मजबूत सरकार बनाने के लिए किया गया है।
वहीं, भाजपा और रालोमो के बीच यह समझौता इस बात का संकेत है कि दोनों पार्टियाँ राज्य में साझा हितों को ध्यान में रखते हुए रणनीतिक गठबंधन कर रही हैं। यह कदम चुनावी मैदान में सहयोगी पार्टियों की ताकत को और बढ़ाएगा।
ऐसा कहा जा रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे और विधान परिषद की सीट का प्रस्ताव केवल राजनीतिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि गठबंधन के सामूहिक फैसले और रणनीति का हिस्सा है। यह दोनों पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण संदेश है कि वे मिलकर चुनावी चुनौती का सामना कर सकते हैं।
इस वार्ता और सीटों के बंटवारे के बाद रालोमो ने अपने छह विधानसभा क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों का चयन शुरू कर दिया है। पार्टी में चार सीट पर अपने कैंडिडेट के नाम का ऐलान कर दिया है। जल्द ही अन्य सीटों पर उम्मीदवारों की सूची सार्वजनिक कर दी जाएगी। यह कदम बिहार की राजनीति में उपेंद्र कुशवाहा और रालोमो की भूमिका को और सशक्त करेगा।
इस प्रकार, भाजपा और रालोमो के बीच हुई यह बैठक और सीटों का बंटवारा बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में नए राजनीतिक समीकरणों और गठबंधन की मजबूती का स्पष्ट संकेत है। उपेंद्र कुशवाहा को मिलने वाली विधान परिषद की सीट और छह विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारने की रणनीति, आगामी चुनाव में एनडीए के लिए निर्णायक साबित हो सकती है।