1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Wed, 22 Oct 2025 11:45:42 AM IST
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Bihar Election 2025: एक छोटी-सी तकनीकी चूक ने उस शिक्षक का सपना तोड़ दिया, जिसने राजनीति में नई शुरुआत करने का साहस दिखाया था। वाल्मिकीनगर विधानसभा सीट से एक शिक्षक का राजनीति में कदम रखना सुर्खियों में था। लोगों को उम्मीद थी कि शिक्षा जगत से आने वाला यह चेहरा राजनीति में नई सोच लाएगा लेकिन, बिहार विधानसभा तक पहुंचने का सपना नामांकन जांच की टेबल पर ही थम गया। जनसुराज पार्टी से प्रत्याशी बने दीर्घनारायण प्रसाद का नामांकन तकनीकी गडबड़ी के कारण निरस्त कर दिया गया।
जानकारी के अनुसार, पश्चिम चंपारण जिले के 9 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 25 प्रत्याशियों के नामांकन खारिज किए गए हैं। इन्हीं में वाल्मिकीनगर से दीर्घनारायण प्रसाद का नाम भी शामिल है। दीर्घनारायण पेशे से शिक्षक थे और समाजसेवा की भावना से राजनीति में उतरे थे। उन्होंने नौकरी छोड़कर जनता के बीच ईमानदार और स्वच्छ छवि वाले प्रत्याशी के रूप में अपनी पहचान बनाई थी।
नामांकन जांच के दौरान पता चला कि उन्होंने जो दो सेट दाखिल किए थे, उनमें कई महत्वपूर्ण कॉलम अधूरे रह गए थे। निर्वाचन नियमों के मुताबिक, अपूर्ण या गलत दस्तावेज मिलने पर नामांकन स्वीकार नहीं किया जाता। इस छोटी लेकिन गंभीर गलती ने शिक्षक से जनसेवक बनने की उनकी राह रोक दी।
जनसुराज समर्थकों का कहना है कि दीर्घनारायण ने पूरे मनोयोग से क्षेत्र में जनसंपर्क किया था। लोग उन्हें एक सादगीपूर्ण और साफ-सुथरी छवि वाला प्रत्याशी मान रहे थे। मगर अब उनका नामांकन रद्द होने से समर्थकों में निराशा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दीर्घनारायण के बाहर होने के बाद वाल्मिकीनगर की सियासी जंग अब सीधी टक्कर एनडीए और महागठबंधन के बीच रह गई है। जनसुराज जैसे तीसरे मोर्चे के प्रभाव के खत्म होने से मुकाबला और रोमांचक हो गया है।
रिपोर्ट- संतोष कुमार, बेतिया