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Bihar Election 2025 : NDA में सीट बंटवारा के बाद , लोजपा (रामविलास) ने घोषित किए अपने पहले चार उम्मीदवार; जानिए किन्हें मिला सिंबल

Bihar Election 2025 : एनडीए ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय कर दिया है। भाजपा और जदयू को 101-101 सीटें, लोजपा (रामविलास) को 29 सीटें, जबकि हम और रालोमो को 6-6 सीटें मिलीं। लोजपा ने अपने चार उम्मीदवार घोषित किए हैं।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 15 Oct 2025 08:34:35 AM IST

Bihar Election 2025 :  NDA में सीट बंटवारा के बाद , लोजपा (रामविलास) ने घोषित किए अपने पहले चार उम्मीदवार; जानिए किन्हें मिला सिंबल

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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में आखिरकार सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय हो गया है। इस बार बीजेपी और जेडीयू को बराबर-बराबर यानी 101-101 सीटें दी गई हैं, जबकि लोजपा (रामविलास) को 29 सीटें मिली हैं। इसके अलावा जीतन राम मांझी की पार्टी ‘हम’ (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा) और उपेंद्र कुशवाहा की रालोमो (राष्ट्रीय लोक समता मोर्चा) को छह-छह सीटें दी गई हैं। इस बंटवारे के साथ ही एनडीए में चुनावी तैयारियां अब तेज़ होती दिख रही हैं।


एनडीए में सीट बंटवारे के ऐलान के बाद अब घटक दल अपने-अपने प्रत्याशियों की सूची जारी करने लगे हैं। इसी क्रम में चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) ने अपने चार प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने इन सभी उम्मीदवारों को पार्टी का सिंबल भी सौंप दिया है।


लोजपा (रामविलास) की ओर से जो चार उम्मीदवार घोषित किए गए हैं, उनमें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी को गोविंदगंज विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया गया है। वहीं, चिराग पासवान के भतीजे सीमांत मृणाल को गरखा (सुरक्षित) सीट से चुनावी मैदान में उतारा गया है। इसके अलावा, पार्टी के प्रदेश प्रधान महासचिव संजय पासवान को बखरी (सुरक्षित) सीट से और पार्टी के संसदीय बोर्ड अध्यक्ष हुलास पांडे को ब्रह्मपुर विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार घोषित किया गया है।


पार्टी सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही बाकी सीटों पर भी उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की जाएगी। माना जा रहा है कि लोजपा (रामविलास) इस बार युवा और नए चेहरों को भी मौका देने की तैयारी में है। एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर लंबे समय से चली आ रही खींचतान आखिरकार खत्म हो गई। बीजेपी और जेडीयू को 101-101 सीटें मिलने के बाद यह माना जा रहा है कि दोनों दल बराबरी के आधार पर चुनाव मैदान में उतरेंगे। वहीं, छोटे दलों के लिए भी गठबंधन में सम्मानजनक जगह बनाने की कोशिश की गई है।


चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) को 29 सीटें देकर एनडीए ने यह संदेश दिया है कि वह युवा नेतृत्व को भी मौका देने के पक्ष में है। वहीं, जीतन राम मांझी की ‘हम’ और उपेंद्र कुशवाहा की ‘रालोमो’ को छह-छह सीटें देकर गठबंधन में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन बनाए रखने की रणनीति अपनाई गई है।


गौरतलब है कि वर्तमान बिहार विधानसभा में लोजपा (रामविलास) का कोई विधायक नहीं है। इसके बावजूद एनडीए ने पार्टी को 29 सीटें देकर उस पर भरोसा जताया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि एनडीए यह दांव इस उम्मीद के साथ खेल रहा है कि चिराग पासवान अपनी लोकप्रियता और युवा छवि के दम पर वोटों में बढ़त दिला सकते हैं, खासकर दलित और युवा मतदाताओं के बीच।


चिराग पासवान ने भी अपनी पार्टी को एनडीए के प्रति पूरी तरह समर्पित बताया है। उन्होंने कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बिहार का विकास सुनिश्चित है, और हम सभी एनडीए उम्मीदवारों के लिए पूरी ताकत से काम करेंगे।” उन्होंने आगे कहा कि लोजपा (रामविलास) का लक्ष्य इस बार बिहार विधानसभा में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराना है।


एनडीए की रणनीति साफ दिख रही है एक ओर बीजेपी और जेडीयू को मुख्य स्तंभ के रूप में स्थापित करना, वहीं दूसरी ओर छोटे दलों के सहयोग से हर क्षेत्र में जातीय और सामाजिक समीकरण को साधना। सूत्रों का कहना है कि इस बार बीजेपी और जेडीयू आपसी टकराव से बचते हुए चुनाव में एकजुटता दिखाने पर जोर दे रहे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने संकेत दिए हैं कि पार्टी जल्द ही अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करेगी। वहीं, जेडीयू की ओर से भी प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया लगभग अंतिम चरण में है।


बिहार की राजनीति में लोजपा (रामविलास) हमेशा से चर्चा में रही है चाहे रामविलास पासवान के समय की बात हो या अब चिराग पासवान के नेतृत्व की। हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में लोजपा (आर) को बड़ी सफलता नहीं मिली थी, लेकिन इस बार एनडीए में उसे जो बड़ी हिस्सेदारी मिली है, वह उसकी बढ़ती राजनीतिक अहमियत को दर्शाती है।


राजनीतिक जानकारों का मानना है कि एनडीए ने लोजपा (आर) को 29 सीटें देकर यह संकेत दिया है कि वह दलित वोट बैंक को अपने पाले में बनाए रखना चाहता है। यह भी संभव है कि कुछ सीटों पर लोजपा (रामविलास) और जेडीयू के बीच स्थानीय स्तर पर तालमेल देखने को मिले।


कुल मिलाकर, बिहार एनडीए में सीट बंटवारे के बाद अब तस्वीर काफी हद तक साफ हो गई है। जहां बीजेपी और जेडीयू बराबर की साझेदारी में हैं, वहीं लोजपा (रामविलास), हम और रालोमो जैसे छोटे सहयोगियों को भी संतुलित भूमिका दी गई है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि ये पार्टियां अपने उम्मीदवारों की अंतिम सूची कब तक जारी करती हैं और कौन-कौन से चेहरे इस बार चुनावी मैदान में उतरते हैं। फिलहाल, चिराग पासवान की सक्रियता और उनके पहले चार उम्मीदवारों की घोषणा ने बिहार की चुनावी सियासत को नई गति दे दी है।