ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: आपके पास भी है हथियार, पहुंचे थाने, नहीं तो जाना पड़ सकता है जेल Bihar Election 2025: सीएम नीतीश कुमार के करीबी विजय चौधरी ने किया नामांकन, बिहार के चुनावी रण में इस सीट से ठोकेंगे ताल Bihar News: बिहार में चुनावी गहमागहमी के बीच की कोर्ट में पेश हुए AIMIM चीफ ओवैसी के भाई, जानिए.. क्या है आरोप? Bihar News: बिहार में चुनावी गहमागहमी के बीच की कोर्ट में पेश हुए AIMIM चीफ ओवैसी के भाई, जानिए.. क्या है आरोप? Bihar Election 2025 : BJP ने सभी 101 विधानसभा सीटों पर किए कैंडिडेट के नाम का एलान;जानिए किस कास्ट के कितने कैंडिडेट Diwali 2025: कार्तिक अमावस्या की रात करें ये आसान उपाय, मां लक्ष्मी की कृपा से घर में होगी बरकत Patna News: छठ पूजा को लेकर पटना में तैयारी तेज, इतने कैमरे से गंगा घाटों पर होगी हाई-टेक निगरानी BIHAR ELECTION : JDU ने जारी की कैंडिडेट के नाम की दूसरी लिस्ट, कुल 101 सीटों पर इन लोगों को मिली जगह;देखिए पूरी सूची Bihar Election 2025 : पहली बार BJP कोटे के दो डिप्टी सीएम चुनावी मैदान में, जानिए क्या है पूरी रणनीति Changing Weather and Asthma: बदलता मौसम बढ़ा सकता है अस्थमा मरीजों के लिए खतरा, जानें बचाव के उपाय

Bihar Election 2025: फर्स्ट बिहार के कॉन्क्लेव में सम्राट चौधरी ने किया था खुलासा, लड़ेंगे विधानसभा चुनाव; आज करेंगे नामांकन

Bihar Election 2025: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बड़ा राजनीतिक दांव खेलते हुए अपने कद्दावर नेता और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को तारापुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है। आज तारापुर से सम्राट चौधरी नामांकन करने जा रहे है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 16 Oct 2025 08:35:08 AM IST

Bihar Election 2025

बिहार चुनाव 2025 - फ़ोटो GOOGLE

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका हैं, सियासी गलियारों में हलचल तेज होती जा रही है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बड़ा राजनीतिक दांव खेलते हुए अपने कद्दावर नेता और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को तारापुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है। यह कदम बिहार की राजनीति में कई संदेश देता है एक ओर यह भाजपा की चुनावी रणनीति को दर्शाता है, वहीं दूसरी ओर सम्राट चौधरी की राजनीतिक हैसियत को भी मजबूत करता है।


दरअसल, सम्राट चौधरी 16 अक्टूबर को तारापुर से नामांकन दाखिल करेंगे। बीजेपी की आधिकारिक उम्मीदवार सूची जारी कर दिया गया है, इसके मुताबिक उपमुख्यमंत्री तारापुर से ही मैदान में उतरेंगे। इससे पहले भी फर्स्ट बिहार के कॉन्क्लेव में सम्राट चौधरी ने यह इशारा दिया था की वह विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे लेकिन उन्होंने सीट का खुलासा नहीं किया था,लेकिन अब यह भी सबके सामने हैं। तारापुर न केवल एक चुनावी सीट है, बल्कि यह सम्राट चौधरी के परिवार की राजनीतिक विरासत से भी गहराई से जुड़ी हुई है। उनके पिता शकुनी चौधरी इस सीट से कई बार विधायक रह चुके हैं, जबकि उनकी मां पार्वती देवी भी एक बार इसी सीट से विधानसभा पहुंच चुकी हैं।


तारापुर सीट पर चौधरी परिवार का प्रभाव दशकों पुराना है। इस इलाके में कुशवाहा और पिछड़ा वर्ग के मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं, और सम्राट चौधरी इसी समुदाय से आते हैं। भाजपा ने उन्हें इस सीट से उतारकर एक स्पष्ट संदेश दिया है कि पार्टी आगामी चुनाव में सामाजिक समीकरणों के संतुलन पर खास ध्यान दे रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला भाजपा की “कुशवाहा वोटबैंक को मजबूत करने” की रणनीति का हिस्सा है, जो नीतीश कुमार की जदयू से मुकाबले में अहम भूमिका निभा सकता है।


सम्राट चौधरी की राजनीतिक यात्रा काफी दिलचस्प और संघर्षपूर्ण रही है। वे मौजूदा समय में बिहार के उपमुख्यमंत्री और विधान परिषद (MLC) के सदस्य हैं, लेकिन उनका राजनीतिक सफर विधानसभा से शुरू हुआ था। भाजपा में शामिल होने से पहले सम्राट चौधरी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के टिकट पर दो बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने खगड़िया जिले की परबत्ता विधानसभा सीट से 2000 और 2010 में जीत हासिल की थी।


उनका राजनीतिक जीवन कई उतार-चढ़ावों से भरा रहा है। परबत्ता सीट पर उनका मुकाबला अक्सर जदयू नेता रामानंद प्रसाद सिंह से होता रहा, जो चार बार विधायक रह चुके हैं। दिलचस्प बात यह है कि रामानंद सिंह के बेटे संजीव सिंह 2020 में परबत्ता से जदयू के विधायक बने थे, लेकिन अब उन्होंने पाला बदल लिया है और तेजस्वी यादव के साथ जाकर राजद (RJD) का दामन थाम लिया है। यह बदलाव बिहार की राजनीति में जदयू और राजद के बीच नए समीकरणों का संकेत देता है। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह मोकामा, परबत्ता, बेगूसराय, और खगड़िया जैसी सीटों के समीप स्थित है, जहां एनडीए को बढ़त दिलाने की संभावनाएं हैं।


सम्राट चौधरी का नामांकन इस बात का भी संकेत है कि भाजपा बिहार में अब सिर्फ सहयोगी दल के रूप में नहीं, बल्कि लीड रोल में चुनाव लड़ना चाहती है। वे न केवल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ गठबंधन में प्रमुख चेहरा हैं, बल्कि पार्टी के अंदर “ओबीसी चेहरे” के रूप में भी उभरे हैं। भाजपा की रणनीति है कि सम्राट चौधरी जैसे नेताओं को सामने लाकर राज्य में ओबीसी और पिछड़ा वर्ग की राजनीति में अपनी पैठ और मजबूत की जाए।


बताया जा रहा है कि सम्राट चौधरी का नामांकन कार्यक्रम भव्य तरीके से आयोजित किया जाएगा। इस दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता, एनडीए सहयोगी दलों के प्रतिनिधि और हजारों की संख्या में कार्यकर्ता शामिल होंगे। स्थानीय स्तर पर तैयारी जोरों पर है और भाजपा कार्यकर्ता इस नामांकन को “एनडीए का शक्ति प्रदर्शन” बताने में जुटे हैं।


कुल मिलाकर, सम्राट चौधरी का तारापुर से चुनाव लड़ना बिहार की राजनीति में कई संकेत छोड़ गया है। यह फैसला भाजपा के आत्मविश्वास, गठबंधन की मजबूती और सामाजिक समीकरणों के नए संतुलन का प्रतीक माना जा रहा है। अब देखना यह होगा कि क्या सम्राट चौधरी अपने परिवार की विरासत को आगे बढ़ाते हुए तारापुर से जीत दर्ज कर इतिहास दोहरा पाते हैं या नहीं।