BIHAR ELECTION : 60 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस ! हो गया फैसला;तेजस्वी के CM फेस पर भी आया जवाब Bihar News: बिहार में साइबर अपराध पर बड़ी कार्रवाई, Mule Account गिरोह का भंडाफोड़; 7 गिरफ्तार बिहार चुनाव 2025 की पहली रैली में नीतीश कुमार बोले – अब बिहार में नहीं है डर, हर गांव तक पहुंचा विकास; लालू के समय होता था यह काम Bihar Election 2025: बिहार के चुनावी समर में मायावती की पार्टी, BSP ने जारी की 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट Bihar Election 2025: बिहार के चुनावी समर में मायावती की पार्टी, BSP ने जारी की 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट Bihar News: देश से विदेश तक साइबर ठगी का जाल, बिहार में NGO के खाते में आए करोड़ों रुपए; खुलासे से हड़कंप Bihar Politics : बिहार के डिप्टी सीएम की संपत्ति में बड़ा खुलासा, पत्नी निकली आगे; राइफल और रिवॉल्वर के भी शौकीन; जानिए पूरी डिटेल्स Bihar Election 2025: बिहार में नामांकन के दौरान दो पार्टियों के समर्थकों के बीच भिड़ंत, पुलिस को करना पड़ा लाठीचार्ज Chhath Puja 2025: छठ पूजा में नाक से मांग तक सिंदूर क्यों लगाती हैं महिलाएं? जान लें क्या है इसका कारण Green Crackers: क्या है ग्रीन पटाखा, बाकी से क्यों है अधिक कीमत? जानें पूरी डिटेल
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 16 Oct 2025 11:43:54 AM IST
- फ़ोटो
Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए भाजपा ने अपने सभी 101 उम्मीदवारों की सूची घोषित कर दी है। इस बार पार्टी ने अपनी रणनीति में संतुलन बनाने की कोशिश की है। सूची में जहां कई बड़े और अनुभवी नेता शामिल हैं, वहीं कई नए और चर्चित चेहरे भी मैदान में उतारे गए हैं। भाजपा की ओर से जारी इस सूची में कुल 13 महिलाएं शामिल हैं, लेकिन इस बार किसी भी मुस्लिम नेता को टिकट नहीं दिया गया है।
भाजपा ने सामाजिक समीकरण साधने पर खास ध्यान दिया है। पार्टी ने राजपूत, भूमिहार, ब्राह्मण और वैश्य वर्ग को अपना राजनीतिक आधार माना है। यादव समुदाय के कई नेताओं के टिकट कटे हैं, जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि पार्टी ने जातिगत समीकरणों के साथ-साथ नई रणनीति अपनाई है।
सूची में कुल 21 राजपूत, 16 भूमिहार और 11 ब्राह्मण को उम्मीदवार बनाया गया है। इसके अलावा लगभग आधे उम्मीदवार पिछड़े और आधे आगे वर्ग से हैं। इससे यह संकेत मिलता है कि भाजपा ने अपने उम्मीदवारों के चयन में सामाजिक संतुलन बनाने की पूरी कोशिश की है।
भाजपा ने इस बार 16 मौजूदा विधायकों के टिकट काटे हैं, ताकि नई ऊर्जा और नए चेहरे को मौका दिया जा सके। वहीं दो पूर्व सांसदों को भी चुनाव में उतारा गया है। इनमें दानापुर से रामकृपाल यादव और सीतामढ़ी से सुनील कुमार पिंटू शामिल हैं।
सूची में कई नए और चर्चित नाम भी शामिल हैं। पार्टी ने प्रसिद्ध गायिका मैथिली ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है। इसके अलावा पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्र को बक्सर से मैदान में उतारा गया है। ऐसे उम्मीदवारों का चयन पार्टी की नई रणनीति को दर्शाता है, जिसमें युवाओं और नए वोट बैंक को आकर्षित करने की कोशिश की गई है।
भाजपा ने राजनीतिक परिवारों के सदस्यों को भी मौका दिया है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह के पुत्र त्रिविक्रम सिंह को टिकट मिला है। इसके साथ ही विधायक स्वर्णा सिंह के पति सुजीत सिंह और पूर्व सांसद अजय निषाद की पत्नी रमा निषाद को भी पार्टी ने मैदान में उतारा है। इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि पार्टी ने अनुभव और नई संभावनाओं का संतुलन बनाने की कोशिश की है।
सूची में शामिल कई नेताओं का चुनाव क्षेत्र पहले से ही भाजपा के लिए मजबूत माना जाता है। पार्टी की रणनीति स्पष्ट है कि इन मजबूत क्षेत्रों के साथ-साथ नए क्षेत्रों में भी पैठ बनाई जाए। भाजपा ने इस बार उम्मीदवारों के चयन में जाति, अनुभव, युवा नेतृत्व और लोकप्रियता को प्रमुख आधार बनाया है।
भाजपा की ओर से जारी सूची में बड़ी संख्या में युवा और नए चेहरे शामिल हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि पार्टी ने आगामी चुनाव में युवा वोट बैंक को विशेष महत्व दिया है। मैथिली ठाकुर जैसे चर्चित और लोकप्रिय चेहरे को टिकट देना भी इसी रणनीति का हिस्सा है। इसके साथ ही पार्टी ने अनुभवी नेताओं को मैदान में बनाए रखा है, ताकि अनुभव और नेतृत्व क्षमता का संतुलन बना रहे।
भाजपा की यह सूची स्पष्ट संकेत देती है कि पार्टी ने पिछली बार के चुनावों से मिली सीख को ध्यान में रखते हुए इस बार चुनावी रणनीति तैयार की है। सामाजिक समीकरण, जातिगत संतुलन, युवा और अनुभवी नेतृत्व का मेल भाजपा की मुख्य रणनीति के रूप में सामने आ रहा है।
बिहार चुनाव 2025 में भाजपा की यह पूरी सूची और उम्मीदवारों का चयन इस बात का संकेत है कि पार्टी हर वर्ग और हर क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए चुनावी तैयारी कर रही है। आगामी चुनाव में इन उम्मीदवारों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी और यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी की रणनीति कितनी सफल साबित होती है।